केंद्र सरकार अब अरविंद के केजरीवाल के सरकारी बंगले के रिनोवेशन का कैग ऑडिट कराने जा रही है। दरअसल एलजी सचिवालय ने केजरीवाल के सरकारी आवास के रिनोवेशन पर अनियमितता का आरोप लगाकर 24 मई को गृह मंत्रालय से कैग ऑडिट की सिफारिश की थी, जिसे गृह मंत्रालय ने मान लिया है।
दरअसल एलजी वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर एक बड़ी लड़ाई चल रही है। चाहे एमसीडी चुनाव हो या फिर मेयर चुनाव सभी मामलों में अरविंद केजरीवाल और वीके सक्सेना के बीच का विवाद देखने को मिला। जब अरविन्द केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट जाकर दिल्ली की पावर अपने नाम करा ली तो केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर वह पावर फिर से एलजी वीके सक्सेना को दे दी। अरविन्द केजरीवाल इस अध्यादेश को खत्म कराने के लिए सभी दलों से समर्थन मांग रहे हैं। इस मामले को उन्होंने पटना में हुई विपक्ष की लामबंदी को लेकर मीटिंग में भी उठाया पर उनकी एक न सुनी गई। अब उन्होंने अध्यादेश पर सभी विपक्षी दलों का रुख साफ होने पर भी वह शिमला मीटिंग में भाग लेंगे। अरविन्द केजरीवाल को दोहरा मोर्चा खोलना पड़ रहा है। एक ओर वह बीजेपी से टकरा रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्ष से ही टकरा रहे हैं।