विपक्ष से दूरी बनाकर मोदी की सहानुभूति लेना चाहते हैं दिल्ली के सीएम
चरण सिंह राजपूत
अध्यादेश मामले में कांग्रेस के रुख स्पष्ट न करने पर शिमला में होने जा रही विपक्ष की मीटिंग में जाने से इंकार करने के बाद पर समान नागरिक संहिता मामले में आप के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने बीजेपी को अपना समर्थन दे दिया है। केजरीवाल ने यह समर्थन ऐसे समय में दिया है जब शिवसेना को यदि छोड़ दिया जाये तो पूरा विपक्ष मौजूदा समय में इस मुद्दे का विरोध कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि जब मणिपुर जल रहा है। देश में बेरोजगारी और महंगाई की मार है तो ऐसे में जमीनी मुद्दों से लोगों ध्यान हटाने के लिए पीएम मोदी आरएसएस की शह पर समान नागरिक संहिता का राग छेड़ दे रहे हैं।
दरअसल अरविंद केजरीवाल राजनीति जिद वाली रही है। इन्हें सब कुछ चाहिए और इनसे कोई कुछ न मांगे। कांग्रेस ने तो पहली बार अपने समर्थन से केजरीवाल की सरकार बनवाई पर केजरीवाल हैं कि हर राज्य में कांग्रेस का वोटबैंक हथिया कर अपना वजूद बना रहे हैं। दिल्ली के बाद अब पंजाब पर ही राज कर रहे हैं। कांग्रेस के दिल्ली और पंजाब के कार्यकर्ता अब कांग्रेस हाईकमान से केजरीवाल से दूरी बनाने की अपील कर रहे हैं। यही वजह है कि केजरीवाल अब बीजेपी से मिलने की फ़िराक में हैं।
केजरीवाल की राजनीति ऐसी रही है कि वह सुबह को गाली देते हैं तो शाम को माफ़ी मांग लेते हैं। न उन्हें गाली देने में कोई शर्म है और न ही माफ़ी मांगने में। बीजेपी को भी विपक्ष को कमजोर करना है और वह चाहती है कि दिल्ली में केजरीवाल औकात में रहें। केजरीवाल काम निकालने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और वह यह सब कर रह हैं।