दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने शिकायतें मिलने पर इस गड़बड़झाले को रोकने का रास्ता निकाला है साथ ही केंद्र को भी पत्र लिखने की तैयारी में है। अब ऑटो से टेस्ट देने वाला ऑटो ही चला सकेगा इसके लिए उसे शपथपत्र वाला फार्म भरना होगा।
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने लोगों की सहूलियत देखते हुए सभी हल्के वाहनों के लिए एक ही लाइसेंस की सुविधा दी है, इसका दिल्ली में लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। कार ही नहीं, मिनी बस व छोटा हाथी जैसे व्यावसायिक वाहन चलाने वाले चालक दिल्ली सरकार के आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर तिपहिया से टेस्ट दे रहे हैं।
ऑटो से पकड़ में नहीं आती गड़बड़ी
चूंकि ऑटो, कार, मिनी बस और छोटा हाथी के लाइसेंस पर भी केवल एलएमवी लिखा होता है, इसलिए मामला पकड़ में नहीं आता है। मगर पास आ रहीं शिकायतों के बाद परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर सतर्कता बढ़ा दी है।
केंद्र को भी पत्र लिखेगी दिल्ली सरकार
इस मामले में दिल्ली सरकार केंद्र को पत्र भी लिखेगी और तिपहिया के लिए अलग व्यवस्था बनाए जाने का अनुरोध करेगी। मंगलवार को परिवहन विभाग के उपायुक्त अनिल छिकारा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब लाइसेंस के लिए आटो से टेस्ट देने पर चालक से एक फार्म भरवाया जाएगा, जिसमें लिखा होगा कि वह ऑटो चलाने के लिए लाइसेंस ले रहा है और ऑटो ही चलाएगा।
परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर कभी दुर्घटना होने पर चालक के लाइसेंस की जांच की जाएगी। उसमें यह पता चलता है कि ऑटो से दिए गए टेस्ट के लाइसेंस पर कोई अन्य वाहन चला रहा था तो उस पर मुकदमा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस घपले को रोकने का यही एक तरीका है।
ऑटो से टेस्ट देना होता है आसान
उन्होंने कहा कि अगर ऑटो से टेस्ट देकर कोई अन्य वाहन चला रहा है, तो यह फर्जीवाड़ा है। उन्होंने बताया कि ऑटो से लोग इसलिए टेस्ट दे रहे हैं क्योंकि अन्य वाहन की अपेक्षा इससे टेस्ट देना आसान है। वे उसमें पास हो जाते हैं। मगर वे दूसरे लोगों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं। क्योंकि ऑटो और इन दूसरे हल्के वाहनों की प्रकृति अलग है।
ऑटो और अन्य वाहनों में तकनीकी तौर पर कई अंतर
अधिकारी ने कहा कि दरअसल मोटर कारों का टर्निंग रेडियस पांच मीटर होता है, जबकि तिपहिया वाहनों का टर्निंग रेडियस तीन मीटर से कम होता है। इसके अलावा ऑटो में चार पहिया के बजाय दो पहिया वाहनों के समान क्लच, एक्सीलेटर और ब्रेक होते हैं।
मोटर कार का व्हीलबेस भी तिपहिया वाहनों की तुलना में लगभग 1.5 से 2.0 गुना लंबा होता है। इन तकनीकी मामलों का उल्लेख करते हुए आदेश में कहा गया है कि तिपहिया आटो रिक्शा ड्राइविंग टेस्ट को चार पहिया मोटर कारों के समकक्ष नहीं माना जाना चाहिए।