आम आदमी पार्टी दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने दिल्ली के रामलीला मैदान में किया है रैली का ऐलान, 4 जून को 2000 मंडलों की होगी बैठक
अध्यादेश गिराने के विरोध का दिया जा रहा है नाम
सुप्रीम कोर्ट ने तो मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली का बॉस बना दिया था पर केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर केजरीवाल से छीनकर फिर से एलजी वीके सक्सेना को पॉवर दे दी। अरविन्द केजरीवाल अपनी टीम के साथ मानसूत्र में राज्य सभा में अध्यादेश गिराने के लिए विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं। इधर दिल्ली के संयोजक कैबिनेट मंत्री गोपाल रॉय ने 11 जून को रामलीला के मैदान में बड़ी रैली का ऐलान कर दिया है। गोपाल रॉय के अनुसार 4 जून को 2000 मंडलों में बैठक होगी।
रैली के लिए आप कार्यकर्ता डोर डोर जाकर बीजेपी द्वारा अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदलने, दिल्ली के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने, दिल्ली के विकास में रोड़ा अटकाने जैसे मुद्दे समझाएंगे। 11 जून की रैली को सफल बनाने के लिए गली मोहल्ले में नुक्कड़ नाटक करने और लोगों से मिलकर रैली में आने के लिए कार्यक्रम किये जाएंगे। दरअसल दिल्ली में एलजी वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री के बीच अधिकारों के लिए लंबे समय से विवाद चल रहा है। केजरीवाल पीएम मोदी पर एलजी के माध्यम से आप नेताओं को फंसाने दिल्ली में काम न होने का आरोप लगाते हैं।
गत दिनों जब आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव जीता तो बीजेपी के नेताओं ने कहना शुरू कर दिया कि कुछ ही मेयर तो उनका ही बनेगा। बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद मनोज तिवारी ने मतगणना के दिन ही कहना शुरू कर दिया था कि मेयर तो उनका ही बनेगा। उनके ऐसा कहने के पीछे वजह यह थी कि एलजी उनका था। यही हुआ जब मेयर चुनाव आया तो एलजी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को 10 एल्डर सदस्य बना दिया। चुनाव के दिन बवाल हुआ। आम आदमी पार्टी पार्टी सुप्रीम कोर्ट गई। सुप्रीम कोर्ट ने इन 10 एल्डर सदस्यों को वोट डालने के अधिकार से वंचित कर दिया। मेयर आम आदमी की शैली ओबेराय बनी। दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को दे दिए।
केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर वे अधिकार केजरीवाल से छीनकर फिर से एलजी वीके सक्सेना को दे दिए। अब केजरीवाल अध्यादेश को गिराने के लिए विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं। वह पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिले हैं। इधर दिल्ली रामलीला मैदान में गोपाल राय ने रैली का ऐलान का कर दिया है।
दरअसल विपक्ष के ढुलमुल रवैये के चलते राज्यसभा में अध्यादेश गिरना तो मुश्किल लग रहा है। ऐसे यह कहा जा सकता है कि केजरीवाल की लोकसभा चुनाव की तैयारी हो रही है। मतलब अध्यादेश गिराने के बहाने लोकसभा चुनाव की तैयारी में केजरीवाल लगे हैं। दिल्ली रामलीला मैदान मे भी रैली करने का मकसद लोकसभा चुनाव की तैयारी मानी जा रही है।