कपिल सिब्बल के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात आ रही है सामने
क्या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों के लिए गोविंद बनने वाले हैं ? क्या डी. वाई. चंद्रचूड़ बृजभूषण शरण सिंह को जेल भेजेंगे ? अब उनसे ही उम्मीद है कि वह पहलवानों को न्याय दें। जब दिल्ली पुलिस ने इन पहलवानों की एफआईआर दर्ज नहीं की थी तो सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई थी।
दरअसल पहलवानों के आंदोलन में गृह मंत्री पर आरोप लग रहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री के इशारे पर बृजभूषण शरण सिंह को बचाया है। आरोप है कि गृह मंत्री के कहने पर ही दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दी है। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने जेल से बाहर रहकर केस को प्रभावित किया है। डरा धमकाकर नाबालिग पहलवान का बयान बदलवाया गया है। विनेश फोगाट ने तो यहां तक कह दिया कि बृजभूषण शरण सिंह बाहर रहकर एक एक कर सभी पहलवानों को मरवा देगा। पॉक्सो एक्ट लगने के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई। क्योंकि पोक्सो एक्ट ही है जो बृजभूषण को जेल भिजवा सकता है। न रहेगा बांस और न रहेगी बांसुरी। नाबालिग पहलवान के बयान ही बदल वा दिये गए। इस बीच चाहे गृह मंत्री अमित शाह के साथ साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया की मीटिंग हुई हो या फिर अनुराग ठाकुर के साथ। बस पहलवानों का बेवकूफ ही बनाया गया। 15 जून तक आंदोलन स्थगित कराकर मामले को ठंडा करने का प्रयास किया गया। अब पहलवानों की फिर से रणनीति बन रही है कि जंतर मंतर पर बैठा जाये। ऐसे में मामला कोर्ट मे जाने के बाद अब उम्मीद डी.वाई. चंद्रचूड़ पर ही टिकी हैं।