किसी भी स्थिति में पहलवानों के आंदोलन का निपटारा चाहता है आरएसएस
चरण सिंह राजपूत
28 मई को जंतर मंतर पर आंदोलित पहलवानों के साथ बरती गई दिल्ली पुलिस की क्रूरता के विरोध और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर लामबंद हुई खाप पंचायतों की हुंकार से बीजेपी में हड़कंप है। जिन गृह मंत्री अमित शाह को एक महीने से चल रहा पहलवानों का आंदोलन नहीं दिखाई दिया। जिन अमित शाह को 28 मई को दिल्ली पुलिस की पहलवानों के साथ बरती गई क्रूरता नहीं दिखाई दी। जो अमित शाह लगातार बृजभूषण शरण सिंह को बचा रहे हैं वे अमित शाह अब खाप पंचायतों के चौधरियों से मिलने को बेताब हैं। तो क्या अमित शाह खाप पंचायतों को आंदोलन न करने के लिए बनाएं ? क्या अमित शाह उनको बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार कराने का वादा करेंगे ?
देखने की बात यह है कि इस बने हुए माहौल को विपक्ष भी ऐसे ही नहीं जाने देगा। निश्चित रूप से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी इस मामले में सक्रिय होंगी।
दरअसल मुजफरनगर में सर्वजातीय खाप पंचायत हुई है। इस पंचायत में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के खाप पंचायत प्रतिनिधि पहुंचे थे। मतलब हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधान सभा के साथ ही लोकसभा चुनाव प्रभावित होने की आशंका। ऐसी भी ख़बरें आ रही हैं कि इस मामले में आरएएस प्रमुख मोहन भागवत सक्रिय हो गए हैं। वह किसी भी हालत में मामले को सुलझाना चाहते हैं।
कहना गलत न होगा कि एक ओर पीएम मोदी अमित शाह को उनके बाद प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की फ़िराक में है तो दूसरी ओर आरएसएस योगी आदित्यनाथ को मोदी के विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। इस मामले में भागवत योगी से ऐसी कोई संदेश दिलवा सकता है कि बीजेपी समर्थकों को लगे कि मोदी के बाद पीएम पद के दावेदार योगी हैं।