सहारनपुर जेल में चंद्रशेखर पर हुए हमले के आरोपी प्रशांत, लविश, विक्की विकास की पिटाई की बात आई है सामने, नरेश और कर्मवीर नाम के दो दलित कांस्टेबलों पर लगा है आरोप, जेल अधीक्षक ने किया निलंबित, बीजेपी की पूर्व विधायक शशि बाला ने जेल अधीक्षक को जांच के लिए लिखा पत्र
चरण सिंह राजपूत
इसे शासन प्रशासन की लापरवाही कहें, इसे भीम आर्मी के पदाधिकारियों की गलत बयानबाजी कहें, इसे राजपूत संगठनों के उकसावे की भाषा कहें या फिर वोटबैंक की राजनीति कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर को जातीय दंगों की ओर ढकेगा जा रहा है। उत्तराखंड के भीम आर्मी के अध्यक्ष महक सिंह के राजपूत समाज को अंग्रेजों की नाजायज औलाद कहने पर गरम हुआ माहौल अभी शांत नहीं हुआ है कि सहारनपुर जेल में बंद चंद्रशेखर आज़ाद के हमले के आरोपियों की दो दलित सिपाहियों द्वारा की गई पिटाई ने टूल पकड़ लिया है।
हालांकि जेल अधीक्षक के अनुसार इन आरोपियों की मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट जैसे कोई बात सामने नहीं आई है। फिर भी दोनों कांस्टेबलों को निलंबित का दिया गया है। सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा आ रही है। इस मामले में बीजेपी की पूर्व विधायक शशि बाला पुंडीर ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की यही। इन आरोपियों ने भी पुलिस में मामला दर्ज करा दिया है। हालांकि मारपीट मामले में आज की तारीख में किसी जेल में किसी दलित सिपाही की इतनी हिम्मत नहीं है कि ठाकुरों के लड़कों को मार दे। आरोपियों और कांस्टेबलों में किस बात को लेकर कहासुनी हुई होगी। मामले को तूल दे दिया गया। उधर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश सिंह ने सहारनपुर में जाकर न केवल प्रेस कांफ्रेंस की बल्कि चंद्रशेखर को भी ललकारा। कहा समाज को कमजोर न समझा जाए।
दरअसल क्षत्रिय समाज के काफी लोग चंद्रशेखर के सोनीपत में पहलवानों के मामले को लेकर दिए बृजभूषण शरण सिंह को खींच लाने के बयान से भी आक्रोशित है। चंद्रशेखर आज़ाद इस भाषण को राजपूत समाज अपने को लालकराना मानकर चल रहा है। उधर हरिद्वार में महक सिंह के ने राजपूत समाज के बारे में गलत बयानबाजी से गरम हुआ माहौल अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि जेल प्रकरण और हो गया।
उधर चंद्रशेखर आज़ाद से मिलने का सिलसिला अनवरत चल रहा है। हरियाणा से अंतर्राष्ट्रीय पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के साथ ही किसान नेता गुरुनाम चढूनी, सपा नेता आजम खां, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और किसान नेता राकेश टिकैत मिले हैं। ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नए जातीय समीकरण बन रहे हैं।