Manish Sisodia Case: वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत का मामला पेश करते हुए कहा कि उनकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई करेगा। दरअसल वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने यह मामला रखा था। जिस पर कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सिंघवी ने बताया कि हाई कोर्ट जमानत याचिका खारिज कर चुका है। सिसोदिया की पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। इससे पहले सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी। बीते गुरुवार को सिसोदिया अपनी जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। वह दिल्ली की शराब नीति घोटाला मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। ईडी ने छापेमारी की कार्रवाई के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया था.
14 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा की पीठ सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करेगी। बेंच ने कहा कि मामला 17 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, लेकिन वह इस पर 14 जुलाई को सुनवाई करेगी। सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इससे पहले वह दो बार दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दे चुके थे, लेकिन वहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई. उन्होंने हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दो बार दिल्ली हाईकोर्ट में दे चुके हैं अर्जी
दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 मई को इस मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आबकारी नीति मामले में सिसोदिया उच्च पद पर थे तो वह यह नहीं कह सकते कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी. कोर्ट ने तीन जुलाई को आबकारी नीति से जुड़े घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
26 फरवरी को हुई थी गिरफ्तारी
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रहते हुए सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। सीबीआई ने उन्हें घोटाले में उनकी भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं. उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।