24 जून के समझौते से मुकरने के बाद किसानों में आक्रोश, 18 को बड़ा आंदोलन करने की बनाई जा रही रणनीति
ग्रेटर नोएडा । 18 जुलाई को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ होने वाले किसान आंदोलन को सफल बनाने के लिए महिलाओं ने कमान ली है। गांव-गांव प्रचार जाकर किसानों को अपने हक़ की लड़ाई लड़ने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
दरअसल 24 जून के किसानों और प्राधिकरण के मध्य हुए लिखित समझौते से शासन प्रशासन के मुकरने पर किसानों में आक्रोश व्याप्त है। हक़ हकूक की लड़ाई को लेकर किसानों ने 18 जुलाई को प्राधिकरण पर आंदोलन का ऐलान किया है। दर्जनों महिलाएं गांव गांव जाकर महिलाओं से संपर्क कर 18 तारीख को प्राधिकरण पहुंचने की अपील कर रही हैं। महिला दल की प्रमुख तिलक देवी, गीता भाटी और पूनम भाटी का कहना है कि 18 जुलाई को महिलाएं हजारों की संख्या में प्राधिकरण पर पहुंचेंगी और प्राधिकरण की वादा-खिलाफी झूठ, छल कपट का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। इन महिलाओं का कहना है कि यह आंदोलन ऐसा होगा कि सरकार अपने वादे से मुकरने पर सौ बार सोचेगी।
प्रचार के क्रम में आज किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर के नेतृत्व में जुनपत गांव में पंचायत की गई पंचायत में बड़ी संख्या में ग्राम वासियों ने हिस्सा लिया और 18 जुलाई के आंदोलन में 500 से अधिक संख्या में शामिल होने का वादा किया। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी से किसानों के बीच सरकार की छवि को धक्का पहुंचा है।
सरकार ने राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर को प्राधिकरण और किसानों के बीच मध्यस्थ के रूप में शामिल किया था सांसद ने किसानों को आश्वस्त किया था कि जो बात लिख कर समझौते में कही गई है उसका पालन किया जाएगा समझौते के उल्लंघन से खुद सांसद भी सकते में हैं सरकार द्वारा अपने वादे से मुकरने से 2024 के लोकसभा चुनाव में सरकार को भारी नुकसान पहुंच सकता है सरकार के इस कदम से सरकार की छवि को धक्का लगा है। गवरी मुखिया ने कहा कि सरकार ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए किसान विरोधी सीईओ रितु माहेश्वरी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से हटा दिया है। नए सीईओ के सामने चुनौती होगी कि वह किसानों के लिखित समझौते को लागू कराएं नौजवान किसान नेता आकाश नागर ने कहा कि पूरे क्षेत्र के नौजवान भूमिहीन और महिलाएं जबरदस्त तैयारी के साथ हजारों की संख्या में प्राधिकरण पर 18 जुलाई को आंदोलन शुरू करेंगे।
प्राधिकरण के नए सीईओ एवं वर्तमान अधिकारियों के पास किसानों की समस्याओं को हल करने के अलावा कोई चारा नहीं है। अधिकारियों और प्राधिकरण का अस्तित्व किसानों की जमीनों पर निर्भर है यदि किसानों की समस्याओं को हल नहीं किया गया तो किसान विरोधी अधिकारियों को प्राधिकरण में रुकने नहीं दिया जाएगा। प्राधिकरण किसानों से है न कि किसान प्राधिकरण से विनोद भाटी कहा कि यदि लिखित समझौते को लागू नहीं किया गया तो इसका खामियाजा भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा किसान सभा ने सभी विपक्षी पार्टियों एवं अन्य सभी किसान संगठनों से बात कर धरने में समर्थन मांगा है सभी पार्टियां और संगठन अपना पूरा समर्थन देने को तैयार हैं किसान सभा कई महीने पहले ऐलान कर चुकी है कि अबकी बार आंदोलन समस्याओं को हल करके ही दम लेगा 24 जून को किसान सभा ने सांसद सुरेंद्र नागर पर भरोसा कर धरने को 15 जुलाई तक के लिए स्थगित किया था अभी भी वक्त है कि प्राधिकरण लिखित समझौते पर तुरंत अमल करें अन्यथा अंजाम भुगतने को तैयार रहें आज के प्रचार अभियान में बड़ी संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ता जुटे हुए हैं महिलाएं बड़ी संख्या में प्रचार अभियान में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में आज महिलाएं पाली था खेड़ा रामपुर घोड़ी गांव में घर घर जाकर संपर्क किया और नुक्कड़ सभाएं कर 18 जुलाई के कार्यक्रम के लिए महिलाओं पुरुषों का आह्वान किया।