दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली। शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस पर 31 जुलाई को दिल्ली के रामलीला मैदान पर लगेगा निवेशकों का जमावड़ा, मदन लाल आज़ाद का दावा, एक अगस्त से शुरू करा देंगे भुगतान, न होगा तो उखाड़ फेंकेंगे मोदी सरकार को ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आज़ाद निवेशकों की 31 जुलाई की रामलीला मैदान पर होने वाली रैली को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से लगे हुए हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह 31 जुलाई को रामलीला मैदान से केंद्र सरकार पर इतना दबाव बना देंगे कि 1 अगस्त से निवेशकों का भुगतान शुरू करा देंगे। उनका यह भी कहना है कि यदि वह ऐसा न करा पाए तो फिर मोदी सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा।
मदन लाल आज़ाद ने उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि सहारा इंडिया परिवार, पर्ल्स, टोगो, जीसीए, कल्पतरू, साईं प्रसाद, साईं प्रकाश, श्रीराम, विश्वामित्र, एचबीएन, समृद्ध जीवन, मैत्रय ग्रूप, आदर्श, संजीवनी, नवजीवन, कर्मभूमि, जेकेवी, किसान एग्रो, ट्रिनिटी, जनशक्ति, रोजवैली, बाइकबोट, हैलोटैक्सी, राधामाधव, फ्यूचर मेकर, किम, अलकेमिस्ट, कैमुना, जीएन गोल्ड, जीएन डेयरी, अमृत प्रोजेक्ट, शाइन सिटी, ग़ैब, विश्वास ट्रेडिंग, रामेल, श्योर गेन, सोशल विजन, आपेश्वर धोखेश्वर, खेतेश्वर, पशुधन, डीपीयर्स, अनी बुलियन, इत्यादि ठग कम्पनीज एवं सोसाइटी के तमाम जमाकर्ता और एजेंट्स को भुगतान पाना है तो 31 जुलाई को नई दिल्ली के रामलीला मैदान आना ही होगा।
बग़ैर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किये कोई मोदी सरकार को ईमानदार बना लेगा। यह भृम अपने दिल दिमाग से निकाल देना चाहिए। सहारा के भक्त, मामा शकुनि के चेले और ठगनी शेख हसीना के लवर अब भी भृम के शिकार बने रहे और बड्स एक्ट 2019 को नहीं समझे तो उन्हें जीवनभर रोना ही पड़ेगा। सम्पूर्ण भुगतान का एक ही मार्ग है अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019, सबको तपजप के मार्ग पर ही आना होगा भुगतान और सुरक्षा लेने के लिए। उन्होंने कहा है कि आओ 31 जुलाई 2023 को सुबह 10 बजे नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर और फिर देखो कैसे तपजपधारी वीर वीरांगना सबका सम्पूर्ण भुगतान सुनिश्चित करवाते हैं।
दरअसल मदन लाल आज़ाद ठगी पीड़ित कंपनियों के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। वह बड्स एक्ट के तहत निवेशकों को भुगतान दिलाने के लिए तीसरी भारत यात्रा पर हैं। मदन लाल आज़ाद ने उत्तर प्रदेश, उत्तरखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही अन्य राज्यों में निवेशकों को भुगतान दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।