आपस में ही भिड़ रहे आप और कांग्रेस नेता
अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और प्रताप सिंह बाजवा 2019 के चुनावी आधार पर चाहते हैं सीटें
सीएम भगवंत मान ने कहा – आप अकेले लड़ना, जीतना और सरकार बनाकर चलाना भी जानती है
मंत्री अनमोल गगन मान ने कहा कि कांग्रेस के बिना अकेले 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी आप
चरण सिंह राजपूत
भले ही विपक्ष गठबंधन का नाम इंडिया रखने के बाद फुले नहीं समा रहा हो। भले ही जी-20 में राष्ट्रपति मुर्मू द्रौपदी के डिनर के निमंत्रण पर राष्ट्रपति ऑफ़ इंडिया की जगह राष्ट्रपति ऑफ़ भारत लिखे होने को विपक्ष इंडिया से डरना मान रहा हो। इंडिया की तीसरी मीटिंग समाप्त हो गई पर अभी तक कोई कॉमन एजेंडा विपक्ष की ओर से नहीं तैयार नहीं हुआ है।
ऐसे में जब एनडीए ने सीटों के बंटवारे पर काम करना शुरू कर दिया तो विपक्ष के नेता आपस में ही उलझते नजर आ रहे हैं। और तो जो कर रहे हैं उसे संभाल लिया जा रहा है पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच प्रदेश के नेता उलझते नजर आ रहे हैं।
दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अरविंदर सिंह लवली को प्रदेश अध्यक्ष बना देने पर मामले को काफी हद तक संभाला गया है। भले ही पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह चौधरी, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन खुलकर केजरीवाल का विरोध करते रहे हों पर लवली के अध्यक्ष बनते ही मामला फ़िलहाल शांत है।
ऐसे ही पंजाब में कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी का खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। इन नेताओं ने उम्मीद जताई है कि पंजाब में टिकट बंटवारे में प्रदेश की यूनिट का राय मशविरा लिया जाएगा।
उधर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कर दिया है कि आप अकेले लड़ना भी जानती है। जीतना भी जानती है और सरकार बनाकर उसे चलाना भी जानती है। आप के मंत्री अनमोल गगन मान ने कहा है कि आप पंजाब में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। वे लोग सभी 13 सीटों पर लड़ेंगे।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गोवा में आप के साथ कैसे कांग्रेस का गठबंधन होगा ? पंजाब में कांग्रेस और आप के बीच महाभारत होने पर क्या प. बंगाल में ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव, बिहार में जदयू और राजद, झारखंड में हेमंत सोरेन के साथ ही दूसरे राज्यों में कांग्रेस को ऐसे ही सभी दल आंखें दिखाने लगे तो फिर इंडिया चुनाव लड़ना तो बहुत दूर की बात है चुनाव से पहले ही इन दलों के हित टकराने लगे हैं। ऐसे में फिर ये दल मिलकर कैसे लड़ पाएंगे। वैसे भी विपक्ष की शुरूआती लामबंदी से ही आप भसड़ कर रही है। विपक्ष की पटना में हुई पहली मीटिंग से पहले ही आप के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली अध्यादेश पर सभी विपक्षी दलों की सहमति को लेकर विवाद पैदा कर दिया गया था। जब पटना में उनकी इस बात पर उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं मिली तो फिर वे अपने सिपहसालारों के साथ दिल्ली चले आये। ऐसे ही दिल्ली के कांग्रेस नेताओं की बोलती केजरीवाल ने बंद करा दी। तो क्या पंजाब में भी आप का समर्थक नेता कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा।