Friday, November 22, 2024
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Mission Paid : मदन लाल आज़ाद ने निवेशकों से गांधी जयंती पर दिल्ली राजघाट पर रचे जा रहे इतिहास के साक्षी बनने की अपील की 

मीडिया के बिकाऊ होने से भयमुक्त हुए बईमान : मदन लाल आज़ाद 

जप तप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा – नेता और माफिया गठजोड़ में पत्रकारों के घुसने से मुश्किल हुई लड़ाई 

मदन लाल आज़ाद ने निवेशकों से गांधी जयंती पर दिल्ली राजघाट पर रचे जा रहे इतिहास के साक्षी बनने की अपील की 

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

नई दिल्ली। ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आज़ाद ने अपनी पत्रकारिता के दिनों को याद करते हुए कहा है कि लगभग 25 वर्ष पूर्व जब वह पत्रकारिता करते थे तब वह ही नहीं अधिकतर पत्रकार देश और समाज में होने वाले गलत काम को जनता के सामने लाते थे। उन्होंने कहा है कि आज की तारीख में अपराधी माफिया राजनेता गठजोड़ देश को कमजोर कर रहा है।

मदन लाल आज़ाद का कहना है कि पत्रकार सदा न्याय के सत्य के कानून के देश के धर्म के पक्ष में खड़े होते थे और शासन एवं माफिया गुंडों द्वारा किये जाने वाले अन्याय शोषण उत्पीड़न झूठ और बेईमानी का विरोध करते थे, जिससे  शासकों में भय रहता था कि कहीं पत्रकार हमारी बखिया न उधेड़ दें।
उन्होंने कहा है कि पत्रकारों के भय से शासक गलत काम और बेईमानी करने से डरते थे। समाज को राष्ट्र को भी भरोसा रहता था कि कोई सुने या न सुने पत्रकार प्रेस उनकी न्यायपूर्ण मांग को अवश्य उठाएंगे और उन्हें न्याय मिलेगा। पत्रकार समाज का आईना होता था वह समाज को सदमार्ग दिखाता था हौसला देता था।

उन्होंने कहा है कि उनकी पत्रकारिता समय में पत्रकार किसी के यहां चाय पीने में भी संकोच करते थे कहीं कोई यह न कह दे पत्रकार गंदे बेईमान आदमी के साथ वहां चाय पी रहा था। वह संकोच ही पत्रकार की ताकत था, जिससे प्रधानमंत्री राष्ट्रपति न्यायधीश अफसर तो छोड़ो पत्रकारों से सब नेता माफिया गुंडा तक भयभीत रहते थे।
उन्होंने कहा है कि आज 25 वर्ष बाद पत्रकारिता शासन माफिया गुंडे और ठगों की चाटुकारिता या कहें बेईमानों की गुलामी करने लगी है। 
मदन लाल आज़ाद का कहना है कि वह समझते हैं कि देश की वर्तमान तबाही, नैतिक मूल्यों में आई गिरावट और बढ़ती ठगी एवं बेईमानी का कोई सबसे महत्वपूर्ण कारण है तो वह है आज की नीच घृणित पत्रकारिता जिसका हमें न केवल बहिष्कार करना है अपितु मौका मिले तो तिरस्कार भी करना है।


उन्होंने कहा कि माफिया, अपराधी शासक नेता गठजोड़ में जबसे पत्रकार सम्मिलित हुए हैं तब से लोकतंत्र लगभग लगभग मर चुका है। पत्रकारिता के मूल्यों में गिरावट न आई होती, पत्रकार बिकाऊ न बने होते तो शायद इतनी जल्दी भारत ठगों के खूनी पंजों में न फंसा होता। उन्होंने बाकायदा अंजना ओम कश्यप, दीपक चैरसिया, रजत शर्मा जैसों की क्या कहूँ न्याय के पक्ष में दिखाई दे रहे रवीश, पुण्य प्रसून, अभिसार, साक्षी और अजित जैसे खांटी पत्रकार भी वही खबर दिखाते हैं जो या तो ठगों के पक्ष में होती हैं या जिनसे इन बेईमान पत्रकारों का कोई निजी या सांगठनिक लाभ होता है।
उन्होंने कहा है कि पत्रकारों के कमीनेपन और घृणित सोच के कारण आज कमजोर पीड़ितों को न्याय मिलना तो लगभग असंभव ही हो गया है। सामाजिक सुरक्षा खत्म हो चुकी है, कानून अपनी मौत मर रहे हैं, सर्वोच्च न्यायालय तक के आदेश रद्दी की टोकरी में पड़े धूल फांक रहे हैं या अपराधी ठग सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की विवेचना अपनी सुविधानुसार कर रहे हैं।
न्यायपालिका विधायिका कार्यपालिका और लोकतंत्र का चौथा खम्बा (प्रेस मीडिया एनजीओ सामाजिक संगठन) सबका अवमूल्यन हो गया है, लगता है अब बिना राष्ट्र को जगाए भारत को बचाया नहीं जा सकता।।
पूरा देश उसका सिस्टम ठगों के कब्जे में है, ठग ही पत्रकार हैं, ठग ही शासक हैं और इन्हीं ठगों के मातहत काम कर रही है हमारी कार्यपालिका विधायिका और न्यायपालिका। उन्होंने कहा है कि कमीनों के आधीन रहकर तो भीष्म द्रोण और कर्ण जैसे महावीर महादानी भी न्याय का सत्य का पक्ष नहीं ले सके थे तो आज के भयभीत न्यायधीश अफसर पत्रकार नेता कैसे खड़े हो सकेंगे। 
इस प्रश्न पर सब गंभीरतापूर्वक विचार करें और त्याग दें मलमूत्र की तरह उस मोह को जो आपने पत्रकारों न्यायधीशों राजनेताओं राजनैतिक दलों एनजीओ नकली संगठनों और अन्ना रवीश जैसे भौकालों के प्रति पाल रखा है। आपको न्याय केवल स्वयं के जागने लड़ने से मिलेगा, अपना जनमत बनाओगे तो जल्दी ही न केवल अपना जमाधन वापस पा जाओगे बल्कि हिंदुस्थान को ठगों की गुलामी से मुक्ति भी दिला सकोगे।।
उन्होंने निवेशकों के भुगतान के मामले को उठाते हुए कहा कि 42 करोड़ हिंदुस्तानी परिवार ठगी के शिकार बन गए और कहीं से कोई आवाज नहीं उठी जो बेईमान सिस्टम और ठग साम्राज्य को चुनौती दे सके। जब पूरा राष्ट्र ठगों के समक्ष नपुंसकता को धारण करके मौन था या ठगों की हाँ में हां मिला रहा था या खून के आंसू पी रहा था और कहीं से न्याय की उम्मीद नहीं बची थी तब स्वयं परमात्मा ने तपजप के रूप में अवतार लिया और मुर्दा बन चुके ठगी पीड़ितों में शक्ति का संचार किया। आज यही ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार तपजप के रूप में अपना भुगतान पाने और समूचे राष्ट्र को ठगों के खूनी पंजो से आजाद कराने के लिए भारतभूमि पर सत्याग्रह के माध्यम से शंखनाद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निसंदेह परमात्मस्वरूप तपजप विजय प्राप्त करेगा। हिंदुस्तान को बचाएगा और ठग एवं बेईमानों का सर्वनाश करते हुए भारतभूमि पर सत्य न्याय कानून और धर्म की स्थापना करेगा। तपजप ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार में कुछ बेईमान ठग  मूर्ख और धूर्त घुसपैठ कर गए हैं जो सत्याग्रह में बाधा पैदा करने का षड्यंत्र रचते रहते हैं। मदन लाल आज़ाद ने कहा कि वह निवेशकों को सावधान करते हैं कि तुम कोई भी छल करोगे बेईमानी करोगे, मन में पाप रखोगे तो निश्चित रूप से दुर्गति को प्राप्त करोगे। इसलिए अभी समय है सुधर जाओ और ईमानदारी से मिशन भुगतान को आगे बढ़ाओ और यदि इतना भी नहीं कर सकते तो तपजप से बाहर हो जाओ अपने घरों में बैठ जाओ कोई और काम धंधा कर लो। यदि आप दोनों में कोई काम नहीं करोगे और बाधा बनोगे तो शकुनि भीष्म द्रोण कर्ण और अश्वथामा की गति को प्राप्त करोगे।
मदन लाल आज़ाद ने मिशन भुगतान भारत यात्रा कार्यक्रम को एक पवित्र आंदोलन बताया है और कहा है कि जो 42 करोड़ ठगी पीड़ितों के जमाधन की वापसी और भारतवर्ष को ठगों से आज़ादी दिलाने के लिए तपजप के रूप में अवतरित हुआ है।
सत्य न्याय और कानून(धर्म) न कभी हारा है न हारेगा, जिसने भी इनका विरोध किया है उसका सर्वनाश हुआ है आज भी होगा और आगे भी होगा।
दुनिया की कोई ऐसी ताकत नहीं जो सत्य को विजयी होने से रोक सके। इसलिए स्वयं को बचाओ, समय चक्र के पहिये तेजी से घूम रहे हैं। कुचल दिए जाओगे।
पत्रकारिता शासक राजनेता माफिया ठग बेईमान गठजोड़ भी अब भारत को ठगमुक्त बेईमान रहित राष्ट्र राज्य के रूप में स्थापित होने से रोक नहीं पायेगा।।
2 अक्टूबर को आप ही क्या पूरा संसार देखेगा तपजप का विराट रूप। साक्षी बनो स्वयं का उद्धार करो। ठगी पीड़ितों के विशाल विराट भुगतान सत्याग्रह में 2 अक्टूबर 2023 भुगतान दिवस को सुबह 6 बजे गांधी समाधि राजघाट रिंगरोड नई दिल्ली 110002 पर आकर। 

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