Friday, September 20, 2024
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लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश, नाम नारी शक्ति वंदन विधेयक, मेघवाल बोले- पास होने के बाद लोकसभा में 181 महिला सांसद होंगी 

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 
नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी के दिन 19 सितंबर को नए संसद भवन में सरकार ने दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर महिला आरक्षण बिल पेश किया। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि हम ऐतिहासिक बिल लाने जा रहे हैं। अभी लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं, इस बिल के पास होने के बाद 181 महिला सांसद हो जाएंगी।

इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी समेत सभी सांसद पुराने भवन से पैदल पहुंचे। दोपहर 1.15 बजे सदन के लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू की। पीएम मोदी ने कहा कि हम आज महिला आरक्षण बिल लाने जा रहे हैं। इसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम होगा। मोदी अपनी 25 मिनट की स्पीच में 10 मिनट महिलाओं के मुद्दे पर बोले।

महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने श्रेय लेने की कोशिश की। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान बिल लाया गया था। यह बिल अभी मौजूद है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम नया बिल लाए हैं। आप जानकारी दुरुस्त कर लीजिए।

इसके बाद विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया। इनका कहना था कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है। सरकार का कहना था कि बिल को अपलोड कर दिया गया है।

मोदी ने कहा- भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए; पीएम की स्पीच की 5 बड़ी बातें

कौन कहां बैठेगा, व्यवहार तय करेगा: मोदी ने कहा, अभी चुनाव तो दूर हैं और जितना समय हमारे पास बचा है। मैं मानता हूं कि यहां जो जैसा व्यवहार करेगा, यह निर्धारित करेगा कि कौन यहां बैठेगा, कौन वहां बैठेगा। जो वहां बैठे रहना चाहता है, उसका व्यवहार क्या होगा, इसका फर्क आने वाले समय में देश देखेगा।’
हमारा भाव जैसा होता है, वैसा ही घटित होता है: ‘हमारा भाव जैसा होता है, वैसे ही कुछ घटित होता है। यद् भावं तद भवति…! मुझे विश्वास है कि भावना भीतर जो होगी, हम भी वैसे ही भीतर बनते जाएंगे। भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावनाएं भी बदलनी चाहिए। संसद राष्ट्रसेवा का स्थान है। यह दलहित के लिए नहीं है।
आज की तारीख इतिहास में अमरत्व प्राप्त करेगी: कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई है। आज 19 सितंबर की यह तारीख इसीलिए इतिहास में अमृत्व को प्राप्त करने जा रही है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं तो बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें। योगदान ही नहीं, महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएं। आज इस ऐतिहासिक मौके पर नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के अवसर पर देश के इस नए बदलाव का आह्वान किया है।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम: देश की नारी शक्ति के लिए सभी सांसद मिलकर नए प्रवेश द्वार खोल दें इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं। महिलाओं के नेतृत्व में विकास के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक पेश कर रही है। इस उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी को विस्तार देना है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम इस माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं सभी माताओं, बहनों, बेटियों को आश्वस्त करता हूं कि हम इस विधेयक को अमल में लाने के लिए संकल्पित हैं।’
बिल पर बहुत चर्चाएं हुई हैं, वाद-विवाद हुए: कई सालों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं। बहुत वाद-विवाद हुए हैं। महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी कुछ प्रयास हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा विधेयक पहली बार पेश हुआ। अटलजी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और उस कारण से वह सपना अधूरा रह गया। महिलाओं को अधिकार देने, उन्हें शक्ति देने जैसे पवित्र कामों के लिए शायद ईश्वर ने मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देशवासियों को गणेश चतुर्थी की बधाई दी। PM ने हिन्दी और मराठी में दो अलग-अलग पोस्ट किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देशवासियों को गणेश चतुर्थी की बधाई दी। PM ने हिन्दी और मराठी में दो अलग-अलग पोस्ट किए हैं।

तीन दशक से पेंडिंग है महिला आरक्षण बिल

संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से पेंडिंग है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था।

तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन UPA सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। तभी से महिला आरक्षण बिल पेंडिंग है।

मोदी सरकार के मंत्री प्रह्लाद पटेल ने सोशल मीडिया पर कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी।

बिल का विरोध करने के पीछे सपा-राजद का तर्क

सपा और राजद महिला OBC के लिए अलग कोटे की मांग कर रही थीं। इस बिल को विरोध करने के पीछे सपा-राजद का तर्क था कि इससे संसद में केवल शहरी महिलाओं का ही प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। दोनों पार्टियों की मांग है कि लोकसभा और राज्यसभा में मौजूदा रिजर्वेशन बिल में से एक तिहाई सीट का कोटा पिछड़े वर्गों (OBC) और अनुसूचित जातियों (SC) की महिलाओं के लिए होना चाहिए।

बिल पास हुआ तो लोकसभा में 180 महिलाएं होंगी, अभी सिर्फ 78 हैं

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि महिला आरक्षण बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में यह 2010 में ही पास हो चुका है। इसमें महिलाओं को 33% आरक्षण देने का प्रावधान है। यह बिल पास हुआ तो अगले लोकसभा चुनाव के बाद सदन में हर तीसरी सदस्य महिला होगी।

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक यह आरक्षण लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में लागू होगा। बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए जाएगा। कानून बनने के बाद होने वाले चुनावों में यह बिल लागू हो जाएगा। 

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