-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है ? क्या दिल्ली सरकार के हॉस्पिटल में नर्सिंग अर्दली और सिक्योरिटी गार्ड के टेंडर में रिश्वत का खेल चल रहा है ? दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कड़कड़डूमा में ऐसे ही एक मामले की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज़ हुयी है। FIR अशोक विहार निवासी PSS सिक्योरिटी एजेंसी संचालक प्रियरंजन कुमार की शिकायत पर हुयी जांच के बाद दर्ज़ हुयी है। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग कड़कड़डूमा के नर्सिंग अर्दली इंचार्ज अखिलेन्द्र उर्फ़ अखिलेश ने सिक्योरिटी एजेंसी चलने वाले प्रियरंजन कुमार से टेंडर अवार्ड करने के लिए 30 लाख रुपये कमीशन के रूप में रिश्वत ली। लेकिन उसके टेंडर अवार्ड नहीं हुआ। इसके बाद अखिलेश ने रिश्वत के पैसे वापस नहीं दिए,बल्कि उसकी सिक्योरिटी मनी वापस दिलाने के लिए 20 प्रतिशत कमीशन की मांग की। मामला 2017 का है ,लेकिन शिकायतकर्ता अब तक टेंडर के लिए जमा अपनी फिक्स डिपाजिट 30 लाख 46 हज़ार रुपये के लिए चक्कर काट रहा है।
शिकायतकर्ता प्रियरंजन कुमार के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग अर्दली इंचार्ज उसकी मुलाक़ात रोहिणी के रहने वाले नरेंद्र राजपूत ने कराई थी।अखिलेश ने उससे कहा कि वह नर्सिंग अर्दली का काम दिलाता है उसे भी दिला देंगे। इसके बदले टेंडर रकम का 10 प्रतिशत कमीशन देनी होगी। इस पर कुमार ने कहा कि यह रकम बहुत ज्यादा है तो अखिलेश ने कहा कि इसमें विभाग के नीचे से लेकर स्वास्थ्य निदेशक तक सबको हिस्सा जाता है। कुमार के अनुसार अखिलेश ने कहा कि स्वास्थ्य निदेशक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार भी है ,टेंडर अवार्ड में कोई दिक्कत नहीं होगी।
एंटी करप्शन विभाग में दर्ज़ FIR के अनुसार प्रियरंजन कुमार ने अखिलेश को 30 लाख रुपये रिश्वत के रूप में दिए। इसके बाद टेंडर भी निकला और समय समय पर विभाग से उनके पास पत्र भी आते रहे। इन सभी पत्रों का जबाब भी अखिलेश खुद ही देता था। कुमार के अनुसार उसने टेंडर अमाउंट के टर्म एंड कंडीशन के अनुसार 30,46,000 रुपये फिक्स डिपाजिट के द्वारा जमा कराया। मुझे टेंडर ऑफर तो हुआ लेकिन टेंडर अवार्ड नहीं हुआ। इसके बाद कुमार ने अखिलेश से रिश्वत के वापस पैसे मांगे। पहले तो काफी समय तक वह पैसे देने के नाम पर आज कल आज करता रहा, लेकिन उसके बाद उसने यह कहते हुए पैसे देने से साफ़ इंकार कर दिया कि वह अकेला नहीं है। इन पैसों का जिक्र अब कभी मत करना।
प्रियरंजन कुमार की शिकायत पर दर्ज़ एफआईआर के अनुसार उसने कहा कि रिश्वत के पैसे देने से तो इंकार किया ही साथ ही उसके फिक्स डिपाजिट के रूप में जमा 36 लाख 46 हज़ार रुपये दिलाने के बदले में भी 20 प्रतिशत की मांग की। उसने पैसे नहीं दिए तो आज तक उसके फिक्स डिपाजिट के पैसे भी उसे नहीं मिले। कुमार के अनुसार इसके बाद उसने अखिलेश के साथ हुयी बातचीत को रिकॉर्ड किया जिसमें वह कह रहा है कि इसमें कई लोग शामिल है।
दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच ने शिकायत की जांच के बाद मामला दर्ज़ कर लिया है। इस जांच के दायरे में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आ सकतें है।