आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि विपक्ष का मुखर चेहरा हैं संजय सिंह
संजय सिंह को न्यायिक हिरासत में रख कर विपक्ष का खेल बिगाड़ना चाहती है बीजेपी
चरण सिंह राजपूत
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को भले ही शराब नीति के मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया गया हो, भले ही उन पर शिकंजा कसा जा रहा हो पर जिस तरह से संजय सिंह ने पीएम मोदी को ललकारा है, उससे देश की राजनीति में उनका कद बहुत बढ़ गया है। यह बीजेपी भी जानती है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की तरह वह संजय सिंह को नहीं लपेट पाएगी। संजय सिंह आज की तारीख में आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि विपक्ष का मुखर चेहरा है।
भले ही राहुल गांधी, लालू प्रसाद, अरविन्द केजरीवाल पीएम मोदी को खुलकर ललकार रहे हों पर जिस तरह से सड़क से संसद तक संजय सिंह ने पीएम मोदी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किये हैं। जिस तरह से संजय सिंह ने अडानी से लेकर महंगाई और बेरोजगारी को लेकर पीएम मोदी घेरा है और जिस आक्रामक भाषा का इस्तेमाल उन्होंने किया है उससे आज की तारीख में वह सत्ता के खिलाफ मुखर चेहरे के रूप में उभरे हैं।
बीजेपी, गोदी मीडिया और उसे समर्थक भले संजय सिंह पर भ्र्ष्टाचार के आरोप लगा रहे हों पर जिस तरह तरह से सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा ने लम्बे समय बाद संजय सिंह पर दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया है उससे संजय सिंह को फंसाने में मोदी सरकार का हाथ लगता है।
वैसे भी खुद संजय सिंह ने एक ईडी के अफसर के हवाले से कहा है कि उन्होंने उन्हें बताया कि ऊपर से उनको रगड़ने का आदेश हैं। ऊपर से मतलब पीएम मोदी से। मतलब संजय सिंह के मुखर चेहरे को दबाने का प्रयास मोदी सरकार कर रही है। वैसे भी जब केंद्र सरकार मामले में सक्रिय है तो दिनेश अरोड़ा बचारे की क्या बिसात है। अच्छी से अच्छी सरकारी एजेंसियां जो चाहे उगलवा लेती हैं। पहले भी राहुल सिंह की जगह संजय सिंह का नाम आगे आ गया था।
वैसे भले ही आज की तारीख में लोग जेल जाने से डरते रहे हों पर देश में ऐसे कितने नेता रहे हैं जिनकी आधी जिंदगी जेल में ही कटी है। इस बात का अंदेशा राजनीतिक पंडितों को था, क्योंकि बीजेपी और उसके समर्थकों के मुंह से यह कहते हुए सुना जाता था कि संजय सिंह कुछ ज्यादा ही बोलता है। संसद में पीएम मोदी के खिलाफ सबसे अधिक नारेबाजी संजय सिंह ने ही की है।
वैसे भी संजय सिंह समाजवाद के प्रणेता डॉ. राम मनोहर लोहिया को अपना आदर्श मानते हैं। संजय सिंह न केवल एक प्रखर वक्ता हैं बल्कि वह एक चुनावी रणनीतिकार भी है। संजय सिंह यदि लोकसभा चुनाव तक न्यायिक हिरासत में रह लिए तो समझो न केवल आम आदमी पार्टी बल्कि विपख का भी बहुत नुकसान हो जाएगा।