-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली। लोक सभा चुनाव 2924 शुरू होने में बस कुछ ही दिन शेष है। लोकसभा चुनावों की इन्हे सरगर्मियों के बीच देश की राजधानी दिल्ली में आगामी 26 अप्रैल को होने वाले दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर चुनावों को लेकर भी तीनों दलों ने सरगर्मी शुरू कर दी है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने अपने अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए है। कल यानी 18 अप्रैल को नामांकन की आखिरी तारीख है लिहाज़ा कल बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों पार्टियों के प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे। नियम के मुताबिक इस वर्ष अनुसूचित जाति से जीते पार्षद ही मेयर चुनाव में भाग ले सकतें है। डिप्टी मेयर चुनाव के पद पर कोई भी पार्षद नामांकन दाखिल कर सकता है। वर्तमान में आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय मेयर और आले मोहम्मद डिप्टी मेयर है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ने ही पार्टियों ने देर रात का अपने अपने उम्मीदवारों पर मंथन किया। दोनों ही पार्टियां काफी सतर्क है यही वजह है की अभी भी खुले तौर पर दोनों और से मेयर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं हुयी है। कल नामांकन के दौरान ही प्रत्याशियों के नाम सुबह तक सामने आ जायेंगे।
सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी दो नाम पर गहन मंथन चल रहा है। इनमें पूर्व निगम पार्षद और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष रहे प्रेम चौहान का नाम है। दूसरा नाम दिल्ली आम आदमी की महिला विंग अध्यक्ष सारिका चौधरी का लिया जा रहा है। मौजूद दो कार्यकाल से महिला ही मेयर है लिहाज़ा उम्मीद की जा रही है की प्रेम चौहान ही आम आदमी पार्टी की और से मेयर पद के प्रयाशी होंगे। दिल्ली नगर निगम के 250 पार्षदों में 134 आम आदमी पार्टी से है ,इनमें अनुसूचित जाति से 32 पार्षद है। जबकि बीजेपी के 104 पार्षदों में केवल 6 ही पार्षद एससी है।
बीजेपी के पास मेयर पद के लिए केवल दो तीन नाम ही है। इनमें जो दो नाम सबसे आगे बताए जा रहे है उनमें रघुवीर नगर से पार्षद उर्मिला गंगवार और शकूर पुर त्रिनगर से बीजेपी पार्षद किशन बेमाड का नाम बताया जा रहा है। किशन बेमाड दो बार से निगम पार्षद है। कांग्रेस की भूमिका इसमें क्या होगी इस पर अभी संशय बना हुआ है ,लेकिन यह तय माना जा रहा है कि दिल्ली के मौजूदा माहौल में कांग्रेस के 9 पार्षद बीजेपी के खिलाफ हो वोट करेंगे। 26 अप्रैल को सिविक सेंटर में मेयर का चुनाव होना है।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले होने जा रहे दिल्ली नगर निगम मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव बहुत अहम् है। लिहाज़ा तमाम राजनैतिक व्यस्तताओं के बावजूद बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों इसे गंभीरता से ले रही है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के नजर तो एक दूसरे पर है ही साथ ही इन दोनों पार्टियों की नजर कांग्रेस ने 9 पार्षदों पर भी है। हालांकि मौजूदा माहौल में आम आदमी पार्टी के जीत तय मानी जा रही है। इसके अलावा मेयर चुनाव में दिल्ली के 7 सांसद और 3 राज्यसभा सांसद भी वोट करेंगे।
बीजेपी जानती है कि इस चुनाव में उसकी जीत आसान नहीं है। सदन में जीत के बहुत से करीब 30 पार्षद कम है। इतनी पार्षदों को मैनेज करना लगभग असंभव है। वैसे भी आम आदमी पार्टी ऑपरेशन लोटस के आरोप बीजेपी पर लगती रही है ऐसे ऐसे में बीजेपी इस वर्ष शायद मेयर चुनाव को गंभीरता से ना ले। इन संभावनाओं के बावजूद बीजेपी मेयर चुनाव के लिए ताल ठोक रही है। बीजेपी के एक बड़े नेता ने दिल्ली दर्पण टीवी से बातचीत में यह स्वीकार किया कि आम आदमी पार्टी के कई पार्षद उनके सम्पर्क में है। ऐसे में दोनों पार्टियों ने न केवल अपने पार्षदों पर नजर बनाई हुयी है बल्कि उनसे सम्पर्क भी है।
आम आदमी पार्टी भी निश्चित है कि अभी तक उसकी किसी भी पार्षद से यह सूचना नहीं मिली है कि उन्हें बीजेपी की तरफ से कोई ऑफर आया है या उनसे संपर्क किया गया है। यदि ऐसा हुआ होता को आम आदमी पार्टी को भी इसकी जानकारी जरूर हो जाती। यानी बीजेपी भी इस वर्ष शायद चुनाव शांतिपूर्वक हो जाने देने की मूड में है। मेयर चुनावों की जानकारी दिल्ली के बड़े बड़े नेताओं तक को नहीं है। क्या इसका यह अर्थ है की बीजेपी इस वर्ष दिल्ली नगर निगम मेयर चुनावों को लेकर गभीर नहीं है ? हालांकि बीजेपी के नेता इस बात से इंकार कर रहे है। उनका कहना है की परिणाम चाहे जो हो , बीजेपी देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी है वह दिल्ली के इतनी महत्वपूर्ण चुनावों से खुद को दूर कैसे रख सकती है।
कुछ जानकारों का यह भी दावा है की यह तूफ़ान से आने की पूर्व की शांति है। देश में लोकसभाव चुनावों की शुरुआत लगभग हो चुकी है। आने वाले एक वर्ष से भी कम समय में विधान सभा चुनाव भी होने जा रहे है। ऐसे में मेयर जैसे महत्वपूर्ण पद को बीजेपी कैसे छोड़ सकती है। बीजेपी यदि ताल ठोक रही है तो जरूर बीजेपी के पास न कोई ख़ास प्लान है। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आम आदमी पार्टी को वॉक ओवर कैसे दिया जा सकता है ?
बहरहाल 26 अप्रैल को क्या सिविक सेंटर में सदन में चुनाव होगा या नहीं , चर्चा इस पर भी बनी हुयी है। दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव टाले जा सकते है इस संभावनाओं को व्यक्त करने वाले भी कम नहीं है। बीजेपी बेशक चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने जा रही है लेकिन चुनाव तभी होगा जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल फाइल को पास कर एलजी के यहाँ भेजेंगे। एलजी ही उसके बाद वरिष्ठ पार्षदों में से किसी एक को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करेंगे।