– राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली। दिल्ली में चांदनी चौक लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल नासमझ है या फिर स्थानीय सियासी शतरंज के खेल का मोहरा बन गए है ? लोकसभा चुनाव के बाद मुदित अग्रवाल ने कांग्रेस के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता हरिशंकर गुप्ता पर सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से जिस तरह के आरोप लगाए है उसके बाद से ऐसी चर्चाएं कांग्रेस में चटकारे लेकर चल रही है। कॉग्रेस पार्टी के नेता हैरान है ,आम कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि कई सीनियर नेता भी मुदित के मीडिया में इस तरह का आरोपों और बयानों के बाद इसे मुदित की बहुत हल्की और कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाली हरकत मान रहें है। साथ ही उन्हें आईना दिखा रहे है कि यदि चुनाव में कांग्रेस की हार होती है तो इसके पीछे मुदित अग्रवाल एक बहुत बड़ी वजह होंगे। दिल्ली में कांग्रेस के लिए चांदनी चौक सबसे मजबूत सीट मानी जा रही थी। यदि जेपी के जगह कोई और उम्मीदवार होता तो कांग्रेस के जीत काफी आसान हो सकती थी।
हरिशंकर गुप्ता पर मुदित अग्रवाल के इन आरोपों के बाद कांग्रेस में इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुयी है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इसे मुदित अग्रवाल की बहुल हल्की हरकत मान रहे है। इनका मानना है कि चुनाव किसने क्या किया इस पर कांग्रेस के पर्यवेक्षक भी नजर बनाए हुए थे। मुदित को कोई शिकायत थी तो उसे पार्टी फॉर्म पर रखना चाहिए था। हैरत की बात है कि इस मामले में जय प्रकाश अग्रवाल कुछ नहीं कह रहे है। और ना ही वह पारिवारिक महिला ही कुछ बोल रही है जिसके साथ कथित तौर पर बदसलूकी हुयी है। इस मामले के सामने आने के बाद कई नेता मीडिया से इस पर खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे है। लेकिन कई नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पूरे चुनाव अभियान के दौरान जेपी अग्रवाल और मुदित अग्रवाल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से ज्यादा आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर ज्यादा भरोसा किया। कई बार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कई जगह अपमान भी किया। कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ जिला चांदनी चौक कांग्रेस अध्यक्ष और मटिया महल से विधान सभा चुनाव लड़ चुके वरिष्ठ नेता मिर्ज़ा जावेद अली ने तो बाकायदा पत्र लिखकर इसकी शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष खरगे सहित कई वरिष्ठ नेताओं को की है। मिर्ज़ा जावेद ने कहा की जेपी और मुदित अग्रवाल छोटी छोटी जनसभाओं की जानकारी तक नहीं दी जाती थी। कई ब्लॉक अध्यक्ष तो खुद को अपमानित सा महसूस कर रहे थे। खबर तो यहाँ तक है कि सदर से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेश जैन और मुदित अग्रवाल के बीच जमकर कहासुनी हुयी , राजेश जैन को अपशब्द तक कहे गए। लेकिन किसी भी नेता ने यह सब मीडिया की सुर्खियां नहीं बनने दी।
कांग्रेस कैडर में यहाँ मनाने वालों की भी कमी नहीं है कि मुदित की नासमझी का फायदा कुछ ऐसे लोग उठा रहे है जिनका कद कांग्रेस में तो बड़ा है लेकिन उन्हें अपनी राजनैतिक भविष्य के लिए छोटी से जगह तक नहीं मिल पा रही है। इनकी नजर अब वज़ीर पुर विधान सभा पर काफी समय से है ,लेकिन उनकी राह का एक मात्र रोड़ा केवल हरिशंकर गुप्ता ही है। वे मौके का फायदा उठा रहे है और मुदित के कंधे पर बन्दूक रखकर हरिशंकर गुप्ता को निपटने की कोशिस में लगे है। हार का ठीकरा हरिशंकर जैसे नेताओं पर फोड़ने की भूमिका बना रहे है। लेकिन मुदित के इन आरोपों के बाद वज़ीर पुर में उनके समर्थक ही नहीं बल्कि उनके विरोधी भी यह स्वीकार नहीं कर पा रहे है की हरिशंकर गुप्ता ऐसी हरकत कर सकतें है। कांग्रेस में ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों में भी यह मानने वालों की कमी नहीं है की हरिशंकर गुप्ता जैसा स्वच्छ छवि और स्पष्ट और शरीफ नेता हरिशंकर गुप्ता आज की राजनीति में फिट नहीं है। उनका राजनीति में कद जैसा भी हो लेकिन उनकी छवि बेहद अच्छी है।
वज़ीर पुर की राजनीति में भी मुदित अग्रवाल के इन आरोपों के बाद से हड़कंप है। इन खबरों से नाराज हरिशंकर गुप्ता के समर्थकों का कहना है कि जैसे ही जेपी अग्रवल के टिकट की घोषणा हुयी उन्हें अफ़सोस तो हुआ ,लेकिन फिर भी बड़े नेताओं के आदेश पर उन्होंने मोर्चा संभाल लिया। खबर है की हरिशंकर गुप्ता ने जेपी के समर्थन में 8 मई को केशव पुरम के छोटू राम भवन में जन सभा के तैयारियां पूरी कर ली ,लेकिन जेपी अग्रवाल ने उस जनसभा में आने से साफ़ इंकार कर दिया। इस बीच कुछ ऐसी हरकतें हुए जिन्हे देख पार्टी ने उन्हें हिमाचल में कोंग्रस प्रत्याशी आनंद शर्मा के लोकसभा का प्रभारी बना दिया। इसके बावजूद उन्होंने अपने समर्थकों को कांग्रेस के लिए पुरे मन और मेहतन से काम करने के आदेश भी दिए। उनके समर्थकों ने बाकायदा काम भी किया ,लेकिन मुदित और जेपी को उन पर भरोसा नहीं था जिसे लेकर उनकी बहन -भतीजी को लेकर मामूली कहा सुनी भी हुयी और वह उसी वक्त सामान्य भी हो गई। चुनाव में ऐसी छोटी -छोटी बातें होती रहती है लेकिन चुनाव के बाद मीडिया में किसी बड़े नेता पर इस तरह आरोप लगाकर हमला करना कि उसने भीतरघात और पार्टी के विरुद्ध कार्य ही नहीं किया बल्कि एक महिला के साथ बदसलूकी करने उसे चाकू मरने की धमकी है , यह बहुत ही हल्की और पार्टी को कमजोर करने वाली हरकत है। पार्टी को इस पर पूरी जांच करके मुदित पर करवाई करनी चाहिए।