Friday, November 22, 2024
spot_img
Homeदिल्ली NCRकौन है पं. प्रदीप मिश्रा जिन्होंने राधारानी से नाक रगड़कर मांगी माफ़ी?

कौन है पं. प्रदीप मिश्रा जिन्होंने राधारानी से नाक रगड़कर मांगी माफ़ी?

नई दिल्ली, 29 जून 2024।राधा रानी वाले बयान पर विवाद के 20 दिन बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंचकर माफी मांग ली। माफी भी ऐसी वैसी नहीं बल्कि नाक रगड़कर। पंडित मिश्रा का बरसाना पहुंचने का पहले से कोई कार्यक्रम तय नहीं था।
अब सवाल यह है कि कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा? पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों सुर्खियों में हैं। इसका कारण है राधा जी को लेकर उनका दिया गया बयान। कथावाचक प्रदीप मिश्रा को आखिर बरसाना आकर नाक रगड़कर माफी क्यों मांगनी पड़ी, क्यों राधा रानी विवाद की पूरे देश में चर्चा?
राधा रानी पर दिए बयान को लेकर माफी मांगने प्रदीप मिश्रा बरसाना पहुंचे। राधा रानी पर दिए गए बयान के बाद विवादों में घिरे कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शनिवार दोपहर बरसाना पहुंचे। यहां उन्होंने राधा-रानी को दंडवत प्रणाम किया और नाक रगड़कर माफी मांगी। इस दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। राधा-रानी से माफी मांगने के बाद वो मंदिर से बाहर निकले। हाथ जोड़कर ब्रज वासियों का अभिनंदन किया।
राधा रानी के दरबार में उन्होंने नाक रगड़ कर माफी मांगी। इसके अलावा उन्होंने ब्रजवासियों से भी माफी मांगी। बता दें कि मध्य प्रदेश में राधा रानी पर दिए बयान के बाद प्रेमानंद महराज ने नाराजगी जताई थी। दरअसल, प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था कि राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थी।


कौन है पंडित प्रदीप मिश्रा
निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण पंडित प्रदीप मिश्रा का बचपन अभावों में बीता लेकिन जब बड़े हुए तो उन्होंने स्कूल टीचिंग में अपने हाथ आजमाएं साथ ही पंडिताई भी करने लगे। पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1980 में सीहोर में हुआ था। उनका उपनाम रघु राम है. उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। वहीं, उनके पिता का नाम पंडित श्री रामेश्वर दयाल जी मिश्रा है, जिनका बीते साल 2 जून को ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया था। पंडित प्रदीप मिश्रा के दो भाई हैं, जिनका नाम दीपक और विनय मिश्रा है। प्रदीप मिश्रा अपने पिता के काम में उनकी मदद करते थे। उन्होंने बड़ी मुश्किल हालत में अपनी बहन की शादी की थी। पंडित मिश्रा को बचपन से ही भक्ति भजन में काफी रुचि थी, जिसके चलते वे अपने स्कूल के दिनों में ही भजन कीर्तन किया करते थे। जब वे बड़े हुए तो सीहोर में ही एक ब्राह्मण परिवार की गीता बाई पराशर नाम की महिला ने उन्हें कथा वाचक बनने के लिए प्रेरित किया। गीता बाई पराशर ने उन्हें गुरुदीक्षा के लिए इंदौर भेजा. इसके बाद श्री विठलेश राय काका जी उन्होंने दीक्षा लेकर पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने शुरू में शिव मंदिर से कथा वाचन शुरू किया था। वे शिव मंदिर की सफाई करते थे। इसके बाद वे सीहोर में पहली बार कथावाचक के रूप में मंच संभाला। पंडित प्रदीप मिश्रा अपने कथा कार्यक्रम में कहते हैं- ‘एक लोटा जल समस्या का हल’. यही बात लोगों के मन में बैठ गई। इसके बाद लोगों ने पंडित प्रदीप मिश्रा को सुनना शुरू कर दिया। पंडित प्रदीप मिश्रा को ‘सीहोर वाले बाबा’ के नाम से भी जाना जाता हैं। वे अपने प्रवचन में शिवपुराण की कथा सबसे ज्यादा करते हैं और उसके उपाय भी बताते हैं जिसके चलते वे प्रसिद्ध हुए। पंडित मिश्रा के यूट्यूब और फेसबुक पर लाखों फॉलोअर हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments