नई दिल्ली, 2 जुलाई 2024। स्कूल खुल गए हैं, स्कूलों में बच्चे भी पहुंच रहे हैं पर एमसीडी स्कूलों में न तो टीचर हैं न प्रिसिपल। ऐसे में बच्चो की पढ़ाई कैसे होगी यही चिंता अभिभावकों को परेशान कर रही है।
दिल्ली एमसीडी के सैकड़ों स्कूलों में प्रिंसिपल और टीचर्स की भारी कमी है। एक ही क्लासरूम में एक से अधिक सेक्शन के बच्चे बैठ रहे हैं। इतना ही नहीं एमसीडी स्कूल शिक्षकों की भारी कमी से भी जूझ रहे हैं। जिससे 6.50 लाख से ज़्यादा छात्र प्रभावित हैं। पदोन्नति और भर्ती प्रयासों का उद्देश्य संकट को दूर करना है, लेकिन नए दाखिलों के कारण समस्या और भी गंभीर हो गई है, जिससे चुनौतियां बनी हुई हैं। साथ ही टीचर्स को भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एमसीडी के 1534 स्कूलों में 6.50 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। इक्का-दुक्का स्कूलों को छोड़कर ज्यादातर स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी है।
इतना ही नहीं पिछले एक साल के दौरान लगभग एक हजार टीचर्स टीजीटी प्रमोट होकर चले गए। एमसीडी स्कूलों में लगभग 800 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। फिलहाल इन स्कूलों में सीनियर टीचर्स को स्कूल इंचार्ज बनाया हुआ है। स्कूल खुलने के बाद एजुकेशन विभाग इन टीचर्स को प्रिंसिपल बनाने जा रहा है। इससे टीचर्स की संख्या और कम हो जाएगी। हालत यह है कि ज्यादातर स्कूलों में एक टीचर को दो सेक्शन के बच्चों को भी पढ़ाना पड़ रहा है।
पहली जुलाई से स्कूल खुलते ही इन स्कूलों में नए बच्चों के दाखिले भी शुरू हो गए हैं। एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने तक लगभग 1.50 लाख बच्चे और बढ़ जायेंगे। ऐसे में सभी बच्चो को समान शिक्षा कैसे मिलेगी ये यक्ष प्रश्न है