दिल्ली दर्पण राजनीति डेस्क
नई दिल्ली, 18 जुलाई 2024। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल-डीलरों ने हड़ताल कर दी है। पेट्रोल डीलर दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण यानी पीयूसी प्रमाण-पत्र शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि से नाखुश हैं।पेट्रोल डीलरों की हड़ताल के चलते दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर पीयूसी केंद्र भी बंद हो गए हैं। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने इस अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।
अनुमान है कि 400 पेट्रोल पम्प पर कुल 650 पीयूसी केंद्र इसकेहड़ताल में शामिल हैं। इन केंद्रों से रोज़ाना लगभग बीस हज़ार वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफ़िकेट जारी होता है। दिल्ली सरकार ने करीब 13 साल के अंतराल के बाद पीयूसी शुल्क में मामूली बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 20 रुपये से 40 रुपये के बीच है। 13 साल बाद मामूली बढ़ोतरी की घोषणा से पेट्रोल पम्प मालिक खुश नहीं हैं। दिल्ली पेट्रोल पम्प डीलर्स एसोसिएशन का मानना है कि पीयूसी केंद्र घाटे का सौदा साबित हो रहा है। इससे सिर्फ एक चौथाई आमदनी होती है।
दिल्ली में पेट्रोल पंप्स पर पीयूसी सर्टिफ़िकेशन सेंटर्स के बंद हो जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पेट्रोल पम्प मालिकों ने दिल्ली के सभी 400 पेट्रोल पम्प पर पीयूसी केंद्र को बंद कर दिया है क्योंकि 13 साल बाद भी दरों में केवल मामूली बढ़ोतरी की घोषणा सरकार द्वारा की गई। अब दिल्ली पेट्रोल पम्प डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि लगातार घाटे में वो पीयूसी केंद्र नहीं चला सकते, वहीं दूसरी तरफ ये हजारों लोगों के लिये नया संकट खड़ा हो गया है।
यदि आप दिल्ली में वाहन चलाते हैं और आपके वाहन का पीयूसी एक्सपायर हो रहा है तो सावधान हो जाएँ क्योंकि दिल्ली के सभी पेट्रोल पम्प पर प्रदूषण जाँच का काम ठप्प हो गया है। अब ऐसे में बिना सर्टोफ़िकेट यदि सड़क पर वाहन ले कर निकले तो 10 हज़ार तक के चालान और तीन महीने के लिये ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड होने का खतरा है।
ऐसा हुआ है सरकार के उस निर्णय के बाद जिसमें उन्होंने पीयूसी सर्टिफ़िकेशन के दर में 20 से 40 रुपये की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया।
आपको बता दें कि बतौर पम्प संचालक एक पेट्रोल पम्प पर औसतन 30-35 गाड़ियाँ रोज़ाना प्रदूषण जाँच के लिये आती हैं। ऐसे में दो दिनों में ही दिल्ली में हजारों गाड़ियाँ ऐसी हैं जिनके पास प्रदूषण जाँच सर्टिफिकेट नहीं है लेकिन उनके पास कोई उपाय नहीं दिख रहा। पेट्रोल पम्प पर सर्टिफ़िकेट के लिये पहुँच रहे लेकिन निराश वापस लौट रहे। दिल्ली पेट्रोल पम्प डीलर्स एसोसिएशन के कॉल पर इन के केंद्रों को सरकार के निर्णय के विरोध में बंद किया गया है। डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि लंबे समय से वो बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उन्हें 75% तक बढ़ोतरी और किराया माफ़ी का आश्वासन परिवहन विभाग की ओर से दिया गया था। परिवहन मंत्री के साथ भी उनकी कई बैठक हुई, उन्होंने कई पत्र भी लिखे लेकिन निर्णय केवल 35% बढ़ोतरी का लिया गया जो उनके लिये घाटे का सौदा है। 13 साल बाद महँगाई कई गुना बढ़ी लेकिन उसके सामने 20-40 रुपये की बढ़ोतरी बहुत कम है। इसपर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि इस समस्या को जल्द सुलझा लिया जाएगा लेकिन फिलहाल यह समस्या सुलझती नहीं दिख रही। गहलोत का कहना है कि हमने डीलर्स की मांग पर पीयूसी चार्जेज बढ़ाए हैं। 13 साल बाद बढ़ोतरी की गई। हम डिलर्स से बात कर रहे हैं। कई राज्य ऐसे हैं जिनमें पीयूसी चार्ज दिल्ली से कम हैं।
दिल्ली में बिना पीयूसी सर्टिफ़िकेट वाहन चलाना मतलब दस हज़ार का चालान और तीन महीने के लिये ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड होने का खतरा। अब सवाल है कि जब हजारों वाहन बिना पीयूसी सर्टिफ़िकेट के चल रहे हैं ऐसे में चालान की संख्या भी बढ़ेगी? या सरकार हड़ताल खत्म होने तक रियायत देगी? पेट्रोल पम्प पर पीयूसी बंदी एक बड़ी समस्या है जिसके बाद लोगों के लिये ये मुश्किल काम हो जाएगा कि वो दिल्ली सरकार के प्रदूषण जाँच केंद्र या डीटीसी डिपो पर स्थित केंद्रों पर पहुँचे।
दिल्ली के पेट्रोल पम्प पर बंद हुए पीयूसी सर्टिफिकेशन, पीयूसी केंद्रों पर भटकते रहे हजारों वाहन चालक
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