Delhi . बीते सोमवार को Supreme Court ने एक बहुत बड़ा फैसला देते हुए कहा कि, “Child Porn सामग्री डाउनलोड करना, देखना, संग्रह करना बाल यौन उत्पीड़न संरक्षण कानून (POCSO ) और Information Technology कानून के तहत अपराध है. अदालत ने Child पोर्नोग्राफी को अपराध मानने वाले POCSO और IT कानून के विभिन्न प्राविधानों का ज़िक्र करते हुए मद्रास हाई कोर्ट का वो आदेश रद्द कर दिया जिसमे High Court ने कहा था कि , “Child Porn सामग्री सिर्फ Download करना व देखना POCSO और IT कानून के तहत अपराध नहीं है .”
- – Court का सुझाव
अदालत ने 200 पन्नों के फैसले में Sex Education व POCSO कानून के प्रति जागरूकता पर बल देते हुए कुछ सुझाव दिए और केंद्र सरकार को इस सम्बन्ध में ज़रूरी कदम उठाने को कहा. Supreme Court ने POCSO कानून में ‘Child Pornography ‘ शब्द का प्रयोग पर आपत्ति जताते हुए संसद को सुझाव दिया है कि वो POCSO कानून में संशोधन कर ‘Child Pornography ‘ कि जगह ‘बाल यौन उत्पीड़न और शोषणकारी सामग्री’ शब्द प्रयोग करने पर गंभीरता से विचार करे ताकि ऐसे अपराधों की वास्तविकता को सटीकता से प्रदर्शित किया जा सके. Court ने केंद्र सरकार को कहा कि तब तक के लिए वह अध्यादेश जारी कर इस सम्बन्ध में संशोधन लाने पर विचार करे.
अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी