आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गयी है. खुद अरविन्द केजरीवाल ने आतिशी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए दिया था विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी जो कि 26 या 27 सितम्बर को होने वाला है. साथ ही आपको बता दे कि आतिशी दिल्ली कि तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही है.
अरविन्द केजरीवाल के इस्तीफे का फैसला और साथ ही आतिशी का दिल्ली कि नई मुख्यमंत्री बनना ये सारी चीज़े होने के बाद सबके मन में बस एक ही सवाल है कि आखिर आतिशी को मुख्यमंत्री क्यों बनाया गया.
दरअसल एदेश में किस नेता को कितने और कौन से मंत्रालय मिले है ये तय करता है कि उस नेता की भूमिका कितनी बड़ी है और अगर आतिशी को देखा जाए तो आतिशी के पास आम आदमी पार्टी की तरफ से 5 मंत्रालय है; जिसे आतिशी ने संभल रखा है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी ने ही शिक्षा मंत्रालय की भी सारी ज़िमींदारिया संभाली.
अब बात करे आतिशी के सियासी सफर कि तो 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व दिल्ली का प्रभारी नियुक्त किया गया था; जहाँ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गौतम गंभीर ने आतिशी को 4 लाख से भी ज़्यादा वोटो से हरा दिया था. जिसके बाद 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आतिशी ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी विधानसभा से चुनाव लड़ा और इस बार उन्होंने भाजपा उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11422 वोटों से हराया.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद उन्हें सौरभ भारद्वाज के साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में दिल्ली सरकार में शामिल किया गया. आतिशी की पकड़ इसके बाद राजीनीति में और मजबूत हो चुकी थी और साथ ही आतिशी अरविन्द केजरीवाल की एक भरोसेमंद नेता बन चुकी थी.
अब ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि अरविन्द केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी मुख्यमंत्री पद किस तरह से संभालती है और जनता की इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी और साथ ही आतिशी का मुख्यमंत्री बनना आगामी चुनाव पर किस तरह से असर डालता है?