Saturday, November 16, 2024
spot_img
HomeअपराधDUSU चुनावों में गंदगी फैलाने वाले छात्रों पर भड़का Delhi High Court

DUSU चुनावों में गंदगी फैलाने वाले छात्रों पर भड़का Delhi High Court

दिल्ली दर्पण संवाददाता

DUSU। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनावों में प्रचार के दौरान नियमों की परवाह न करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने वाले छात्र नेता उम्मीदवारों के खिलाफ Du की कार्रवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट नाराज है। कोर्ट ने कहा कि लोग पढ़ाई करने की जगह पर अनपढ़ों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। चुनाव प्रणाली युवाओं को भ्रष्ट करने के लिए नहीं हैए जैसा कि यहां होता दिखाई दे रहा है। यह युवाओं का करप्शन है।
DUSU चुनावों में पैसों की बर्बादी और शक्ति प्रदर्शन के तरीके पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का पर्व हैंए धन की हेराफेरी का नहीं। कोर्ट सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचानेए गंदा करने या नष्ट करने में शामिल DUSU उम्मीदवारों और छात्र राजनीतिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली मनचंदा की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
यूनिवर्सिटी ने बुधवार को कोर्ट में दावा किया कि उसने 14 उम्मीदवारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और गुरुवार तक संबंधित अधिकारी इस मुद्दे पर फैसला लेने वाले हैं। हाई कोर्ट ने तब तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।

Dusu

DUSU छात्रों को कारण बताओ नोटिस


सुनवाई के दौरान Du के वकील ने कहा कि गलती करने वाले 14 उम्मीदवारों को पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है कि उन्हें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए अयोग्य क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए। एमसीडी के वकील ने कहा कि बड़ी संख्या में पोस्टरए बैनर और अन्य सामान हटा दिए गए हैंए लेकिन अभी भी बहुत कुछ बचा हुआ है। निगम ने पुलिस पर इसमें सहयोग नहीं करने का भी आरोप अदालत के सामने लगाया।


कोर्ट ने की कडे शब्दों में निंदा


मनोनीत चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कड़े शब्दों में स्थिति की निंदा की। बेंच ने कहाए प्रथम दृष्टया उम्मीदवारों द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी के वीसी को दखल देना चाहिए और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।


सफाई में करोड़ों की लागत


कोर्ट ने पूछा कि इस गंदगी को साफ करने में जो लागत आती हैए क्या कभी किसी उम्मीदवार से उसकी भरपाई की गईघ् मामले में याचिका दायर करने वाले वकील प्रशांत मनचंदा ने कोर्ट को बताया कि इसकी सफाई में सालभर से ज्यादा का समय लगता है और करोड़ों की लागत आती है। इसपर कोर्ट ने कहा कि पोस्टर में लिखे नामों वाले हर उम्मीदवार से इन पैसों की वसूली की जानी चाहिए। उन्हें ऐसे ही बख्शा नहीं जा सकता। नाराज कोर्ट ने कहा कि वीसी को आज ही इस मुद्दे पर मीटिंग बुलानी चाहिए। यदि स्टूडेंट इस स्टेज पर भ्रष्ट हो जाते हैंए तो कोई अंत नहीं है।
दिल्ली पुलिस को Du एमसीडी और डीएमआरसी के साथ सहयोग करने का निर्देश दियाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक संपत्ति को और गंदा न किया जा सके और पहले की गंदगी को हटा दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले स्टूडेंट साधारण लोग नहीं होते। वे संगंठित गुटों से आते हैं। डिफेसमेंट के खिलाफ कार्रवाई में Du की ओर से ढिलाई से नाराज कोर्ट ने कहा कि ऐसे चुनावों का क्या फायदाघ् आपके आदेश पर अगर अमल नहीं हो रहा है तो ये कोरे कागज से ज्यादा कुछ नहीं।

Du से मामले में कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा

सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने की तस्वीरों को देखते हुए बेंच ने कहा कि यह स्थिति आम चुनावों से भी बदतर है। कोर्ट ने Du से मामले में कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा जताई। राय रखी कि यूनिवर्सिटी को 27 सितंबर को होने वाले चुनाव स्थगित कर देने चाहिए या उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर देना चाहिए। वह नए सिरे से नामांकन शुरू कर सकती है या वोटिंग की अनुमति दे सकती है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि तब तक रिजल्ट घोषित न करे जब तक कि सारी गंदगी साफ नहीं कर दी जाती।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments