अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
Delhi के Mukherjee Nagar में पिछले साल एक Coaching Center में आग लगने के बाद से दिल्ली नगर निगम और दिल्ली फायर सर्विस कोचिंग सेंटर संचालको पर शिकंजा कसना जारी है. दोनों एजेंसियां लगातार कोचिंग एजेंसियों की जांच करके उन्हें नियमो में लाने की कोशिश कर रही है. इसी के साथ अब यह भी तय कर दिया गया है कि कोई भी Coaching Centers चाहे ग्राउंड फ्लोर पर चल रहा हो या फर्स्ट फ्लोर पर और अगर उसमें 20 से ज्यादा स्टूडेंट कोचिंग ले रहे हैं तो उसको फायर एनओसी लेनी होगी. अब ऐसा नहीं होगा कि सिर्फ 9 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले कोचिंग सेंटर को ही फायर एनओसी लेनी है.
MCD ने Mukherjee Nagar क्षेत्र में ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर चलने वाले 65 से अधिक कोचिंग सेंटर का सर्वे भी किया है, साथ ही Fire Department ने फायर NOC लेना भी जरूरी बताया है. निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार Coaching Centers की ऊंचाई को लेकर काफी भ्रम था. फायर डिपार्टमेंट अब तक उन कोचिंग सेंटर संचालकों को ही फायर NOC देता था जिसकी ऊंचाई 9 मीटर से अधिक है. डिपार्टमेंट के अफसरों का तर्क था कि दिल्ली फायर सर्विस रूल्स के मुताबिक Coaching Centers बिल्डिंग की ऊंचाई 9 मीटर से अधिक होनी चाहिए.
इसी के चलते दिल्ली में कई Coaching Centers संचालकों ने फायर एनओसी नहीं ली थी और यह कहकर बच निकलते थे कि उनकी बिल्डिंग की ऊंचाई 9 मीटर से कम है. लेकिन, कोचिंग सेंटर का हब कहे जाने वाले Mukherjee Nagar और Rajendra Nagar के कोचिंग सेंटरों में कई दुर्घटनाएं होने के बाद High Court ने इस मामले में संज्ञान लिया था.
Court के आदेश के बाद coaching center में बदले नियम
Mukherjee Nagar में भंडारी हाउस नाम की बिल्डिंग में चल रहे कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद स्टूडेंट को खिड़कियों से रस्सी के सहारे कूदना पड़ा था, जिसमें कई को चोटें भी लगी थीं. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद High Court ने संज्ञान लिया था. मई में मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली फायर सर्विस रूल्स-27 (4) एनओसी के लिए Coaching Centers की ऊंचाई सीमित नहीं करता. सभी कोचिंग सेंटर को फायर NOC लेनी होगी, चाहे वह बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर हों या फिर फर्स्ट फ्लोर पर. यह रूल्स उन कोचिंग सेंटर के लिए लागू तो है ही, जिनकी ऊंचाई 9 मीटर से अधिक है.