-अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
Digital Arrest कर लोगों के साथ की जा रही साइबर ठगी को लेकर खुद प्रधानमंत्री Narendra Modi ने चिंता जताई. अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 115 वीं कड़ी में बीते रविवार को प्रधानमंत्री Narendra Modi ने इस मुद्देको बेहद गंभीर बताया और साथ ही इस तरह की ठगी से बचने के उपाए भी जनता को बताये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर उम्र- वर्ग के लोग Digital Arrest का शिकार हो रहे है. इसके प्रति जागरूकता पर ज़ोर देते हुए प्रधामंत्री ने कहा रुको, सोचो और Action लो.
प्रधानमंत्री ने कहा कि Digital Arrest के फ्रॉड में फ़ोन करने वाले कभी पुलिस, सीबीआई ,आरबीआई जैसे लेवल के अधिकारी बनकर बात करते है. और उनके पास अपनी व्यक्तिगत जानकारी मौजूद होती है , इनके पास आपके बारे में इतनी जानकारी होती है कि आप हैरान हो जाओगे. इसके बाद यह आपके लिए एक डर का माहौल पैदा करते है. यह आपको बातों- बातों में इतना डरा देंगे कि आप सोच भी नहीं पाएंगे. यह आपको सोचने का बिलकुल समय नहीं देते है. यह आपसे कहते है तुरंत फैसला करने के लिए वर्ण आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. यह लोग पीड़ित पर इतना दबाब बनाते है कि वो डर कि वजह से सब कुछ करने को तैयार होता है. और अपने लाखो रुपए गवा देता है. मोदी ने आगे कहा कि कभी आपको इस तरह की कॉल आये तो आपको घबराना नहीं है. आपको हमेशा यह याद रखना है कि जांच एजेंसियां कभी भी फ़ोन या वीडियो कॉल पर इस तरह की पूछताछ नहीं करती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि धोखा धड़ी से बचने के लिए जागरूकता बहुत ज़रूरी है. साइबर फ्रॉड के पीड़ितों को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इसके बारे में बताना चाहिए.और जागरूकता फैलानी चाहिए.
Digital Arrest क्या है ?
Digital Arrest में फ़ोन call, email और message के ज़रिये धमकी दी जाती है. पीड़ित को गैरकानूनी गतिविधियों की जांच चलने, पहचान से जुड़े दस्तावेज चोरी होने या फिर मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाया जाता है. साइबर धोखेबाज गिरफ्तार करने या कानूनी नतीजे भुगतने की धमकी देकर पीड़ित को सोचने का मौका नहीं देते हैं. धोखेबाज केस से नाम हटाने या जांच में सहयोग करने की बात करते हैं और रिफंडेबल रकम जमा करने के नाम पर किसी विशेष खाते या यूपीआई आईडी में बड़ी रकम हासिल लेते हैं.
Digital Arrest से कैसे बचे ?
- – साइबर अपराधी संपर्क करें तो जल्दबाजी न करे, न ही डरें
- – कुछ भी करने से पहले शांति से थोड़ा सोचें
- – कोई भी निजी या व्यक्तिगत वित्तीय जानकारी अनजान नंबर से आये फोन या वीडियो कॉल पर साझा न करें
- – कभी किसी के दबाव में आ कर पैसा ट्रांसफर न करे. असली कानूनी प्रवर्तन एजेंसियां कभी तुरंत पैसा भेजने का दबाव नहीं डालती.
- – कोई फोन पर या इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म से सीधे पैसा मांगे तो यह सीधे तौर पर धोखाधड़ी हो सकती है.