- अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को सात दिनों की अंतरिम जमानत दी है. यह जमानत उनको अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने और अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए दी गई है.आपको बता दे कि पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में वह जेल में हैं.
शाहदरा जिला न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने खालिद को 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर 28 दिसंबर की सुबह से 3 जनवरी, 2025 की शाम तक जेल से बाहर रहने की अनुमति देते हुए राहत दी. खालिद ने अपने वकील के माध्यम से 10 दिन की अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था. जमानत की शर्तों के अनुसार, खालिद को केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिलना चाहिए, अपने घर पर या उन स्थानों पर रहना चाहिए जहां उनके द्वारा बताए गए विवाह समारोह होंगे और सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करना चाहिए.
अपनी अंतरिम जमानत याचिका में खालिद ने कहा था कि उनकी चचेरी बहन की शादी 1 जनवरी को नई दिल्ली के अबुल फजल एन्क्लेव में मस्जिद इशात इस्लाम में होने वाली है, जिसके बाद कालिंदी कुंज में निकाह और डिनर होगा. उन्होंने आगे कहा था कि हल्दी और मेहंदी समारोह 30 और 31 दिसंबर को होंगे और उन्होंने बताया था कि वह अपने रिश्तेदारों, खासकर अपनी बहन से मिलना चाहेंगे, जो अमेरिका से आ रही हैं. खालिद ने यह भी कहा था कि वह नागपुर में होने वाले रिसेप्शन में शामिल नहीं होना चाहते और दिल्ली में ही रहेंगे.
नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद भड़के दंगों के सिलसिले में कड़े गैरकानूनी गतिविधियाँ अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए जाने के बाद खालिद सितंबर 2020 से हिरासत में हैं.
आपको बता दें कि दो साल पहले 2022 में भी उनको एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए 7 दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी। तब अदालत ने उमर को उनकी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी थी।