Thursday, December 12, 2024
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अतुल सुभाष के सुसाइड नोट के हर पन्ने पर लिखा “इन्साफ अभी बाकी है”

अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी

पत्नी और ससुरालवालों के उत्पीड़न से परेशान होकर बेंगलुरु के एक इंजीनियर अतुल सुभाष ने खुदखुशी कर ली . अतुल ने मरने से पहले 24 पन्नो का सुसाइड लेटर लिखा और डेढ़ घंटे का एक वीडियो भी बनाया जो ये दर्शता है कि सुभाष के अंदर कितनी बातें थी जो वो किसी को नहीं कह पाएं. अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड लेटर में अपने बेटे को न देख पाने का अफ़सोस जताया और कहा कि मैं तुम्हारे जैसे 100 बेटों को भी कुर्बान कर सकता हूँ .

अतुल ने अपने सुसाइड नोट में आगे लिखा कि, “जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था तो सोचा था कि मैं तुम्हारे लिए जान भी दे सकता हूँ लेकिन अफ़सोस है कि मुझे आज तुम्हारी वजह से जान देनी पड़ेगी . मुझे तो तुम्हारा चेहरा भी याद नहीं है. मेरे पास तुम्हारी तबकी फोटो है जब तुम एक साल के थे. अब तो तुम्हारे लिए मेरे दिल में कोई ज़ज़्बात भी नहीं . अगर दिल में कुछ आता है तो वो बस दर्द .

अतुल सुभाष ने आगे अपना दर्द बयान करते हुए लिखा कि तुम अब मेरे लिए एक ब्लैकमेल करने कि वजह बन गए हो जिसका इस्तेमाल कर के मुझसे बहुत ज़्यादा पैसे लिए जा रहे है.

2019 में हुई थी शादी

आत्महत्या करने के समय अतुल ने जो टीर्शट पहनी हुई थी, उस पर लिखा था ‘Justice Is Due’. आत्महत्या करने से पहले अतुल ने डेढ घंटे के वीडियो और 24 पन्नों की चिट्ठी में पत्नी, ससुरालवालों और न्यायिक व्यवस्था को जिम्मेदार कहा है. 2019 में उनकी शादी हुई थी. उन्होंने दावा किया कि शादी के दो साल बाद उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न, हत्या से लेकर आप्राकृतिक यौन शोषण तक के केस दर्ज करा दिए थे.

उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी ने गुजरा भत्ता के किए 3 करोड़ रुपए मांगे थे. उनकी पत्नी ने उनके बेटा का चेहरा तक उन्हें देखने नहीं दिया था. शादी के बाद उनकी पत्नी के पिता की मौत किसी बीमारी से हुई थी, लेकिन ससुरालवालों ने उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करा दिया था. उनके अनुसार, फैमिली कोर्ट ने मामला खत्म करने के लिए पांच लाख रुपये मांगे थे. उन्होंने कहा कि 2 साल में उन्हें 120 बार पेशी पर जाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि जज के सामने ही उनकी पत्नी ने उनसे कहा था कि सुसाइड क्यों नहीं कर लेते. जिसे सुनकर जज भी ठहाका मारकर हंसने लगी थी.

पिता ने लगाए आरोप

अतुल के पिता पवन कुमार ने कहा, “मध्यस्थता कोर्ट के लोग कानून के हिसाब से काम नहीं करते हैं. वो सुप्रीम कोर्ट के नियम को भी नहीं मानते हैं. मेरे बेटे को 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ता था. उनकी पत्नी उस पर आए दिन नए-नए आरोप लगाती थी. वो निराश जरूर हुआ होगा, लेकिन उसने कभी हमें ऐसा महसूस होने नहीं दिया. हमें अचानक इस घटना की जानकारी मिली थी. उसने रात को 1 बजे हमारे छोटे बेटे को मेल भेजा था. हमारे बेटे ने जो आरोप लगाए हैं वो 100% सच हैं. हम बता नहीं सकते हैं कि हमारा बेटा किस तनाव में रहा होगा.

पुलिस ने क्या कहा

पुलिस ने बताया कि शुरूआती जांच में सामने आया है कि उनका अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक कलह चल रहा था. उनकी पत्नी ने उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने बताया कि उन्होंने अपने सुसाइड नोट कई लोगों को ईमेल के जरिए से भेजा. इसके अलावा मृतक ने इसे एक एनजीओ के व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किया है. इस एनजीओ से वो जुड़ा हुआ था. अपने सुसाइड नोट में सुभाष ने कहा है कि उसके बच्चे की कस्टडी उसके माता-पिता को दी जाए.

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