उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों की स्थिति में सुधार के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन किसी कारण से अनुसूचित जाति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्राइवेट मेनेजमेंट सिस्टम द्वारा चलाए जा रहे 1627 स्कूलों को मिलने वाला अनुदान रोक दिया गया था। इन स्कूलों में करीब 6 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है और 4 लाख बच्चे अनुसूचित जाति के हैं। अनुदान ना मिलने से विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई और कार्यरत अध्यापक भुखमरी की कगार पर आ गये थे। इस हालत को देखते हुए देखते हुए उत्तर प्रदेश विद्यालय प्रबन्धक एसोसिएशन के अध्यक्ष राम नरेश ने सन 1997 मेंएक कामयाब लड़ाई की शुरुआत की जिसका मक्सद था इन स्कूलों को फिर से अनुदान मिलने लगे
राम नरेश की माने तो शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये वास्तव में अनुसूचित जातियों के कल्याण का मार्ग खुल सकता हैऔर इसी को देखते हुए राम नरेश नें इस मुद्दे को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जिसके जवाब उनकी मागों के अनुरुप आया और डॉ. अम्बेडकर समग्र योजना बना कर उत्तर प्रदेश में लागू करने की बात कही गयी है
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मांग को मान लेने के बाद ये कहना गलत नहीं होगा की उत्तर प्रदेश नें अनुसूचित जाति के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए मोदी सरकार गम्भीर है।