दिवाली से पहले दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की आशंका है। राष्ट्रीय राजधानी में इसपर लगाम लगाने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं और पराली जलाने के मामलों में भी थोड़ी कमी आई है। लेकिन केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 370 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। पीएम 2.5 का स्तर 228 दर्ज किया गया। ये कण पीएम 10 से भी छोटे होते हैं और स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। आंकड़े के अनुसार, दिल्ली में चार इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर है जबकि 29 इलाकों में ‘बेहद खराब’ दर्ज की गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक PM 2.5 के लिए सिर्फ वाहनों का आंकड़ा देखा जाए तो इससे होने वाले प्रदूषण का कुल योगदान लगभग 28% है। इस 28% में भारी वाहन जैसे ट्रक और ट्रैक्टर से सबसे ज्यादा 9% प्रदूषण फैलता है. दो पहिया वाहनों से 7% प्रदूषण फैलता है. तीन पहिया वाहनों से 5%, जबकि चार पहिया वाहनों से 3% और बसों से 3% प्रदूषण फैलता है. साथ ही LCVs वाहन का प्रदूषण फैलाने में 1% योगदान पाया गया है।