एक युग का अंत क्या हुआ मानो प्रकृति ने भी आंसुओं के साथ उसे अपने आंचल में छुपा लिया, बिना मन के ही ऊपर वाले ने उन्हें अपने पास बुला लिया प्यार कितना था उनके प्रति ये तसिवीरें दिखा रही हैं कि बारिश में भी लोगों की आंखो में सिर्फ शीला दीक्षित ही नजर आ रही हैं।
15 सालों तक दिल्ली पर राज करने वाली मौजूदा दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित का आज करीब 4 बजे निगम बोध घाट पर अंतिम संसकार किया गया। इस दौरान कांग्रेस के हज़ारों समर्थक और कार्यकर्ता मौके पर मौजूद रहे। ये शीला दीक्षित का विशाल व्यक्तित्व ही है कि बारिश के बाद भी उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में विरोधी दलों के नेताओं का भी ताँता लगा रहा।
निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार किया गया। उनका अंतिम संस्कार लकड़ी के बजाय सीएनजी वाले शवदाह गृह में किया गया, जहाँ करीब चार बजे तीन नंबर सीएनजी शवदाह गृह में परिजनों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। लोगों की भीड़ को देखते हुए निगमबोध घाट में अंदर भी बैरिकेटिंग की गई थी और केवल परिजनों और बड़े नेताओं को ही अंदर जाने दिया जा रहा था। लेकिन जनता थी कि अपनी सबसे प्यारी मुख्यमंत्री को अंतिम बार देखने के लिए भावुक हुई जा रही थी।
पूरे भारत में लोगों और कांग्रेस कै कार्यकर्ताओं की जुबान पर भारी बारिश के बाद भी केवल यहीं शब्द थे कि ‘जब तक सूरज चंद रहेगा, शीला तेरा नाम रहेगा।