Friday, November 22, 2024
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बेग़मपुर में जलभराव की विकराल समस्या , घरो में पड़ने लगी है दरार|

पुनीत गुप्ता , दिल्ली दर्पण टीवी 21 अगस्त 2020

बेग़मपुर। नई दिल्ली ।। मानसून में अब दिल्ली के पार्षद भगवान् इंद्र देव से यह प्राथना कर रहे है। की दिल्ली में अब और बारिश न हो। कियुँकि दिल्ली की बारिश अब एमसीडी की पोल खोल रही है कुछ दिनों की लगातार बारिश ने दिल्ली को रोक दिया है । जगह जगह पर जलभराव की समस्या आम हो चुकी है।

नार्थ वेस्ट दिल्ली के देहात क्षेत्र तो मानो जमीन पर कम पानी में ज्यादा है। किराड़ी, बेग़मपुर, राजीव नगर, कराला का यही हाल है। बेग़मपुर की समस्या को लेकर पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद जनता के बिच में थे, काम के साथ राजनीति का जायजा लेते दिखे।

निगम पार्षद ने कहा की 4 दिनों में निकलेगा समाधान

पूर्व पार्षद जय भगवान् यादव ने बताया की बेग़मपुर में पहले कभी ऐसी समस्या नहीं बनी। हमने भी 10 साल बेग़मपुर की सेवा की है। लेकिन समस्याएं नहीं होने दी। आज लोग परेशान है। घर बेचने को मजबूर है। बड़ी विडम्बना की बात है की यहाँ पर पार्षद और विधायक दोनों ही आम आदमी पार्टी से है। लेकिन फिर काम ज़ीरो है कियुँकि काम करने की नियत नहीं है। अब जो वाटर पंप लगाए गए है। उनका इंतज़ाम बहुत पहले कर देना चाहिए था। अब पानी घरो तक पहुंच चूका है। पानी निकालने में ही 5 -6 महीने का वक्त लग जायेगा । तब तक लोग कैसे रहेंगे इसका जवाब पार्षद और विधायक को देना होगा।

दिल्ली के पार्षदों को बारिश से डर लगने लगा है

आम आदमी पार्टी से स्थानीय निगम पार्षद भी लोगो बीच पहुंचे और बताया की कई सारे पंप के द्वारा पानी को निकालने की कोशिश की जा रही है। कुछ दिनों में इस समस्या से काफी हद तक समाधान निकाला जायेगा। हम शुरू से ही जलभराव की समस्या पर काम कर रहे है। राजनीती से हट कर अब काम करना होगा। उम्मीद है की पूर्व पार्षद राजनीती को छोड़ कर सहयोग करेंगे।

बेग़मपुर के कुछ लोग तो अब समस्या से इतने परेशान हो चुके है। की घर बेचने की सोच रहे है। जलभराव की वजह से घरो के तीन तरफ पानी भरा हुआ है । बीमारियों का अम्बार है । घरो में दरार पड़नी शुरू हो चुकी है। ऐसे में घर में रहना बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। लेकिन पलायन भी कोई समाधान नहीं है। क्योंकि दिल्ली की ज्यादातर कॉलोनियां जलमगन है। लोगो ने समाधान के लिए खुद के निजी खर्चे पर पंप लगाने शुरू कर दिए है। जिसका खर्चा 8 हज़ार के करीब है। अब लोग यह सवाल कर रहे है की जब निजी खर्चे पर ही समाधान होना है। तो फिर क्यों हम एमसीडी को टैक्स दिया करते है हमारे टैक्स का पैसा जाता किधर है ?

अब यह समस्या दिल्ली के कई क्षेत्रों की है। एमसीडी और पीडब्लूडी के राजनीती के बीच जनता पानी पानी हो चुकी है। दिल्ली एमसीडी की महापौर भी रोजाना दिल्ली के किसी न किसी क्षेत्र का दौरा भी करते है। सांसद हंसराज हंस भी सड़को पर उतरे हुए है। और अधिकारियो को एक हफ्ते का अल्टीमेटम भी देते हुए नज़र आ रहे है। लेकिन समस्या इतनी विकराल है की समाधान जनता से लेकर प्रशाशन को नज़र नहीं आ रहा।

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