–दिल्ली दर्पण ब्यूरो
-ठंड में ठिठुरती महिला पार्षद के लिए त्रिपाल लगाने की अनुमति नहीं दी : राजीव बब्बर -दिल्ली सरकार झूठ और भ्रम की राजनीति कर रही है : राजीव बब्बर
-2400 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ तो इस्तीफा दे दूंगा : महापौर , जय प्रकाश आरोप साबित न होने पर क्या इस्तीफा देंगे केजरीवाल : जय प्रकाश
दिल्ली । नगर निगम के बकाए फंड 13000 करोड़ रुपए की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर आज सातवें दिन भी निगम नेताओं का धरना जारी रहा। आज दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष राजीव बब्बर और उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जयप्रकाश ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रेसवार्ता कर दिल्ली सरकार पर झूठ और भ्रम की राजनीति करने का आरोप लगाया। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार उपस्थित थे।
प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने कहा कि ठंड और बारिश में हमारी महिला पार्षद खुले आसमान के नीचे सात दिनों से बैठी हैं। रात में भी महिला पार्षद ठंड में ठिठुरती रहीं लेकिन उन्हें त्रिपाल तक नहीं लगाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी नेता कह रहे हैं कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का 2400 करोड़ रुपए माफ कर दिया, अगले दिन आम आदमी पार्टी के नेता ही कह रहे हैं कि 2400 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। आम आदमी पार्टी पहले आपस में निश्चय कर लें कि आखिर क्या हुआ है। बेशक 7 दिनों के भीतर आम आदमी पार्टी जांच करवाए और संबंधित नेता, पार्षद पर कार्रवाई करें और अगर जांच में सभी आरोप निराधार हुए तो निगम नेताओं से माफी मांगे केजरीवाल।
महापौर जयप्रकाश ने कहा कि दिल्ली सरकार को चुनौती है कि वह 7 दिनों के भीतर 2400 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच कराए, अगर यह साबित हुए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। जांच में कुछ नहीं निकला तो केजरीवाल सरकार के पूरे कैबिनेट को इस्तीफा देना होगा। उन्होंने कहा कि हम लगातार यहां सैनिटाइजेशन का कार्य कर रहे हैं। कल से तीनों निगम का कार्यालय धरना स्थल से ही चलेगा और लोगों के जनकल्याण के काम करेंगी। केजरीवाल सरकार साजिशन निगम का फंड रोककर सफाईकर्मियों, नर्सो, डाक्टरों, निगम कर्माचारियों को सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर करना चाहती है ताकि दिल्ली में अराजकता का माहौल पैदा हो। सफाईकर्मी के हड़ताल पर जाने से दिल्ली अव्यस्थित हो जाएगी और हालात खराब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सफाईकर्मी हड़ताल पर चले जाने से दिल्लीवासियों को मिल रही मूलभूत सुविधाओँ पर असर होगा तो इसकी जिम्मेदार केजरीवाल सरकार होगी।