खुशबू काबरा, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम अब कूड़े से गैस बनाने वाली है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने यह कदम उठाते हुए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ समझौता किया है। उत्तरी निगम ने ये बताया हैं कि क्षेत्र में निकले वाले कूड़े से ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। समझौते के लिए 19 जनवरी को लोदी रोड स्थित इंडियन ऑयल के प्रमुख कार्यालय में उत्तरी निगम के प्रमुख निदेशक नौरंग सिंह और इंडियन ऑयल की ओर से शांतनु गुप्ता की बैठक हुई।
इस खास अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर, उत्तरी निगम के महापौर जयप्रकाश, स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री छैल बिहारी गो स्वामी, आयुक्त ज्ञानेश भारती व इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य भी वीडियो कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से मौजूद रहे।
आपके बता दें कि ऐसी ही योजना दक्षिणी दिल्ली में चलाई जा रही है, जहां दो फर्म इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड मिलकर काम कर रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि ये काफी अच्छा कदम उठाया गया है। इस योजना से न केवल कूड़ा और गंदगी कम होगी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम को आगे बढ़ाने में योगदान देगी। ऐसे में दिल्ली के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती का मौका है वेस्ट टू एनर्जी योजना के संयंत्र के साथ ये दिल्ली की कचरा प्रबंधन समस्या को हल करने में काफी मदद करेगा।
जानकारी के अनुसार 2200 मीटर टन कूड़ा रोजाना पहाड़गंज क्षेत्र, करोल बाग क्षेत्र और नरेला क्षेत्र से निकाला जा रहा हैं, जो फिलहाल भलस्वा लैंडफिल साइट पर डाला जाता है। क्योंकि देखा जाए तो जनसंख्या के मुताबिक इतने सफाईकर्मी नहीं है पर ये प्लांट लग जाने के बाद सभी को काफी फायदा मिल जाएगा। ऐसे में इंडियन ऑयल अपनी टैक्नोलॉजी पहचान में सहयोग करेगा। संयंत्र में उत्पादित कंप्रेस बायो गैस, प्लास्टिक, ईंधन, बिजली, सिंथेटिक मिथेन व हाइड्रोजन आदि का प्रयोग करने में मदद करेगा।