Friday, November 8, 2024
spot_img
Homeअन्यKanpur News : बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सेप्टिक टैंक में उतारने...

Kanpur News : बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सेप्टिक टैंक में उतारने की वजह से हुई कानपुर में तीन मजदूरों की मौत 

Kanpur News : सोशलिस्ट पार्टी इंडिया के जांच दल ने पार्टी नेतृत्व को सौंपी रिपोर्ट 

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

सोशलिस्ट पार्टी इंडिया ने कानपुर के बर्रा इलाके में सेप्टिक टैंक में हुई तीन मजदूरों की मौत की जांच की। जाँच में पाया गया कि तीनों मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण ( आक्सीजन मास्क, सेफ्टी बेल्ट, रस्सी एवं टार्च आदि ) के टैंक में उतारा गया था, जिसके कारण उनकी मौत हुयी  है। प्रथम दृष्टया यह पूरा मामला लापरवाही और अनदेखी का बनता है | अक्सर देखने में आया है  रूपये बचाने के लालच में गैर पंजीकृत ठेकेदार बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के साथ कार्य करते हैं जिसका खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ता है | जबकि क़ानूनी नियम कहते हैं कि सेप्टिक टैंक, मैनहोल, सीवर लाईन आदि जगहों पर कार्य करते वक्त सम्बंधित विभाग (नगर पालिका ) के अधिकारियों द्वारा साईट का मुआयना करके साईट पर सुरक्षा मानकों एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए पर हकीकत में कभी ऐसा होता नहीं है | उपर्युक्त मामले में भी न तो किसी सरकारी विभाग द्वारा जाँच की गयी और न ही ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मानकों का ख्याल रखा गया | जो कि एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है | इसलिए इनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही तो बनती है | इसलिए सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) एवं स्थानीय जन संगठनों का एक संयुक्त जाँच दल 25 सितम्बर को कानपुर में निर्माणाधीन मकान में सेप्टिक टैंक के अंदर मरे 3 मजदूरों के बारे में जांच की। यह दल पीड़ित परिवारों से मिला और पूरे मामले की बारीकी से तफ्तीश की| 

दरअसल  गत 18 सितम्बर को कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में आने वाले मालवीय विहार के कुशल गुप्ता के निर्माणाधीन मकान में सेप्टिक टैंक के अन्दर 3 मजदूरों ( अंकित पाल उम्र -22 वर्ष, शिवा तिवारी उम्र -25 वर्ष, अमित कुमार उम्र -25 वर्ष  ) की मौत हो गयी थी | तीनों ही मजदूर ग्रामीण परिवेश थे | घटना के वक्त मृतकों के परिवारों द्वारा सड़क पर लाश रखकर विरोध करने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा आर्थिक अनुदान और अन्य सुविधाएं दिलाने का वादा कर मृतकों का अंतिम संस्कार करवा दिया था | पर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्यवाही सुनिश्चित नहीं की गयी |
पारिवारिक सदस्यों से बातचीत के आधार पर तैयार तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट निम्नवत है –

जांच दल में  के.एम्. यादव, राज कुमार अग्निहोत्री, प्रताप साहनी, अतुल कटियार, अवधेश कुमार आदि शामिल थे | हमारी मुलकात अमिल पाल और शिवा तिवारी के परिवारों से हो पायी जबकि तीसरे मृतक अमित कुमार के परिवार से सिर्फ फोन पर ही बात हो पाई | सर्वप्रथम ये लोग अंकित पाल (22 ) पिता  लाल सिंह के परिवार से मिले। विधनू ब्लॉक के कठोंगर ग्राम पंचायत में रहता है| अंकित के परिवार में उसके माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई और एक बहन हैं| अंकित के पिता ने बताया कि वो भी मजदूरी का कार्य करते हैंऔर उनका बेटा भी| पर दौनों अलग-अलग ठेकेदार के अंडर में कार्य करते हैं | अंकित बर्रा में सटरिंग ठेकेदार बालगोविन्द की साईट पर कार्य कर रहा था | घटना वाले दिन अंकित और उसके 2 साथी मजदूरों को सेप्टिक टैंक में बंधी सटरिंग खोलने का कार्य दिया गया था | जिसके के लिए वो जैसे ही सेप्टिक टैंक में उतरे, तुतंत ही उसमें बेहोश होकर गिर गए और फिर वापस होश में नहीं आये |  हमें तो घटना के चार-पांच घंटे के बाद सूचना मिल पायी थी, जब तक हम पहुंचे तब तक हमारा बच्चा मर चुका था | हमने घटना को अपनी आँखों से तो नहीं देखा पर सबका यही कहना है कि टैंक में दम घुटने के कारण मौत हुयी है | 

स्थानीय प्रशासन द्वारा बिल्डर, ठेकेदार और मकान मालिक से समझौते के आधार पर 2 लाख 60 हजार रूपये दिलवाये थे और सरकारी कोष से 5 लाख रूपये मुआवजे के तौर पर दिलाने का वादा किया था | पर अभी तक हमें धनराशि प्राप्त नहीं हुयी है | किसी के खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही हुयी है या नहीं इसकी हमें जानकारी नहीं है | और न ही हमें अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली है |

इसके बाद हम मृतक शिवा तिवारी पिता राम सेवक निवासी ग्राम ढरहरा, ब्लॉक विधनू, कानपुर नगर के घर पहुंचे| जहाँ इनकी मुलाक़ात उनके पिता, बड़े भाई और घर की कुछ महिलाओं से हुयी |  शिवा तिवारी के पिता दूश का कार्य करते हैं और वो भाजपा पार्टी के मंडल अध्यक्ष भी रह चुके हैं | उन्हौने बताया कि उनका बेटा सेप्टिक टैंक में सटरिंग खोलने के लिए उतरा था जब काफी देर तक वो बाहर नहीं आया और कुछ हलचल भी नहीं सुनायी नहीं दी तो बारी-बारी से अन्य 2 मजदूर (अंकित पाल और अमित कुमार ) भी टैंक में उतर गए  पर वो दौनों भी वापस नहीं आये इस पर ठेकेदार को शक हुआ तो उसने द्वारा अन्य कर्मचारियों की मदद से सीढ़ी लगाकर तीनों मजदूरों को बाहर निकाला जिस पर एक मजदुर की तो घटना स्थल पर ही मौत हो गयी थी जबकि अन्य 2 मजदूरों की अस्पताल में मौत हो गयी |  राम सेवक जी ने बताया कि प्रशासन बिना किसी जाँच और कार्यवाही के ही अंतिम संस्कार करने की जल्दबाजी कर रहा था जिससे कि पूरे मामले को दबाया जा सके| पर उनके परिवार और गाँव वालों द्वारा विरोध करने, सड़क जाम करने पर प्रशासन द्वारा सरकारी अनुदान से 5 लाख रूपये की आर्थिक मदद और अन्य सुविधाएं दिलाने का वादा किया | इसके साथ ही समझौते के तौर पर मकान मालिक, बिल्डर एवं ठेकेदार से 2 लाख 60 हजार रूपये दिलवाए |  पर प्रशासन द्वारा हमारे साथ बुरा बर्ताव किया, हमारे लोगों पर लाठियों चलाई, हमें जबरन गाड़ी में बैठाकर थाने ले जाने का प्रयास किया तथा दोषी पक्ष को बचाने का भरपूर प्रयास किया गया | समझौता तो गया है पर हम चाहते हैं कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही भी होनी चाहिए | जिससे कि भविष्य में और दुर्घटनाएं न हो |

सरकार से मांग-
 इस पूरे मामले की न्यायिक जांच एवं घटनाक्रम में शामिल सभी अभियुक्तों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए | सम्बंधित विभाग के दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए |सभी पीड़ितों के परिवार को उचित अनुदान राशि और प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए |

 संयुक्त जाँच दल में केएम यादव, संयोजक, मानवाधिकार प्रकोष्ठ, राज कुमार अग्निहोत्री, जिला महामंत्री, कामरेड प्रताप साहनी, सदस्य सीपीएम, अवधेश कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता, 
अतुल कटियार आदि मौजूद थे। 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments