पहले तीनों नगर निगमों को मिलाकर थे 272 वार्ड, दिल्ली चुनाव आयोग के 250 वार्डों का परिसीमन करने के बाद नए प्रारूप में कम कर दिए गए हैं 22 वार्ड
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
एमसीडी चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों की चुनावी बिसात तो बिछ चुकी है पर वार्डों की आबादी को लेकर मिली शिकायतों का निपटारा अभी तक नहीं हो पाया है। कांग्रेस के सेहत ही आम लोगों की तमाम शिकायतों के बावजूद एक तिहाई से अधिक विधानसभा क्षेत्रों के वार्डों की आबादी में अभी भी भारी अंतर है। इन वार्डों में 20 से 35 हजार आबादी कम व ज्यादा है। इस कारण कई सीटों पर गणित गड़बड़ाने की पूरे आसार हैं।
पहले तीनों नगर निगमों को मिलाकर 272 वार्ड थे। दिल्ली चुनाव आयोग ने गत 12 सितंबर को नगर निगम के 250 वार्डों का परिसीमन करने के बाद नया प्रारूप जारी किया था। इसके बाद 22 वार्ड कम कर दिए गए थे। हालांकि नए प्रारूप पर आयोग ने तीन अक्टूबर तक आपत्ति मांगी थी।
इस बीच राजनीतिक दलों के साथ-साथ आमजनों की तरफ से भी आपत्तियां जताई गईं और इस आयोग को 1700 से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई थीं। इनमें से अधिकांश वार्डों में जनसंख्या समान रूप से नहीं होने को लेकर थीं। इसके अलावा दो वार्डों के नाम एक ही कॉलोनी के नाम पर रखे गए हैं। जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले वार्ड का नाम महावीर एंक्लेव रखा तो वहीं पालम विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले वार्ड नंबर 137 का नाम भी महावीर एंक्लेव रख दिया है।
विधानसभा क्षेत्रों में कैसे फर्क पड़ा
त्रिलोकपुरी : त्रिलोकपुरी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले वार्ड न्यू अशोक नगर में 63870, मयूर विहार फेज एक में 88878 तथा त्रिलोकपुरी वार्ड की आबादी 88792 है। इन वार्डों में आबादी का अंतर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
लक्ष्मी नगर : लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र के पांडव नगर वार्ड की 71022 तथा लक्ष्मी नगर की 47859 तो वहीं करावल नगर विधानसभा क्षेत्र की श्रीराम कॉलोनी की जनसंख्या 83347 तथा सभापुर की 42819 जनसंख्या है। इन दोनों वार्डों में भी आबादी का बड़ा अंतर है।
बुराड़ी विधानसभा : बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र के मुकुंदपुर की 86243 व संत नगर वार्ड की 54096 आबादी है। इनमें आबादी का बड़ा फर्क है। इसी तरह कई विधानसभा हैं जिनमें आने वाले वार्डों की आबादी में अंतर है।