दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट स्कूल में अखिल भारतीय विद्यार्थी संगठन (एबीवीपी) ने धरना शुरू किया है। संगठन का कहना है कि छात्र पिछले दो दिनों से अपने मूल अधिकारों और शोषण के मुद्दों के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
उनकी मांग हैं, इस स्कूल से संबंधित पीएचडी के छात्रों को जेएनयू के नियमित शोधार्थियों के बराबर माना जाना चाहिए। साथ ही जेएनयू के अन्य शोधार्थियों के समान शुल्क लिया जाना चाहिए, यानी प्रति सेमेस्टर 120 रुपये, न कि 50,000 रुपये जो वे वर्तमान में भुगतान कर रहे हैं। संगठन ने कहा कि वे जेएनयू के छात्रावासों में रहने के अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं। स्कूल की इमारत में बुनियादी स्वच्छता सुविधाएं और विश्वविद्यालय के इंटरनेट एक्सेस और ई-संसाधनों से वंचित कर दिया गया है। इसे जल्द से जल्द फिर से शुरू किया जाना चाहिए। मोटी फीस देने के बाद भी स्कूल भवन में एमबीए छात्रों के लिए कोई समर्पित कक्षाएं नहीं हैं और पीएचडी स्कॉलर के लिए बैठने के कमरे नहीं हैं। इस संबंध में एबीवीपी जेएनयू के मंत्री उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा कि छात्र लंबे समय से स्कूल प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन के संपर्क में हैं, लेकिन स्थिति में सुधार के संकेत नहीं हैं।