बुधवार को फोरम आफ एमसीडी इंजीनियर्स और सफाई कर्मचारियों की विभिन्न यूनियन ने एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर में भूतल पर प्रदर्शन किया जबकि आप पार्षदों ने अंकुश नारंग के नेतृत्व में तीसरे तल पर महापौर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के बाद अधिकारियों और सरकार के बीच लड़ाई अब निगम में भी छिड़ चुकी है। पहली बार निगम में इस तरीके से देखने को मिल रहा है कि अधिकारी और पार्षद एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
सोमवार को जहां करोलबाग जोन में अधिकारियों ने रंजीत नगर के पार्षद अंकुश नारंग का पुतला जलाया था तो वहीं बुधवार को निगम मुख्यालय में दोनों तरफ से धरना-प्रदर्शन हुआ।
आप के करोलबाग जोन के पार्षदों का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है तो वहीं अभियंताओं से लेकर सफाई कर्मचारियों ने पार्षद की ओर से अधिकारियों से दुर्व्यवहार करने पर बिना शर्त माफी की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है।
बुधवार को फोरम आफ एमसीडी इंजीनियर्स और सफाई कर्मचारियों की विभिन्न यूनियन ने एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर में भूतल पर प्रदर्शन किया, जबकि आप पार्षदों ने अंकुश नारंग के नेतृत्व में तीसरे तल पर महापौर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
करोलबाग हो रही उगाही
अंकुश नारंग ने कहा कि करोलबाग के अंदर हर बिल्डिंग से उगाही चल रही है। यह सारी उगाही भवन माफिया और निगम कर्मचारियों की साठगांठ में चल रही है। भवन माफिया आए दिन क्षेत्र के लोगों को नोटिस देकर परेशान करते हैं।
यह सारा मामला पांच महीन से शुरू है, जबसे निगम में आर सरकार आई है। उससे पहले तक निगम में भाजपा की सरकार थी, इसलिए इस मामले की कोई देखरेख नहीं थी।
अन्य आप पार्षदों का कहना था कि चूंकि जनता ने हमें भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए वोट दिया है। हमने हर बैठक में उपायुक्त के सामने इस मुद्दे को उठाया है। हमने उनसे इस उगाही के खिलाफ कड़ा कदम उठाने को कहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जनता परेशान है। उन्होंने मांग की है कि भ्रष्ट अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए।
फोरम आफ एमसीडी इंजीनियर्स के अध्यक्ष नरेश शर्मा ने कहा कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि माननीय सदस्यों को सभ्य तरीके से अधिकारियों से बातचीत करनी चाहिए। कोई भी अधिकारी दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने का उद्देश्य सिर्फ पार्षद की ओर से अधिकारियों से किए गए दुर्व्यवहार के प्रति पीड़ा व्यक्त करना था।
उन्होंने मांग की कि पार्षद बिना शर्त माफी मांगें। नहीं तो सफाई कर्मचारी से लेकर उद्यान विभाग और दूसरे विभागों के कर्मचारी और अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने पर मजबूर होंगे।
एक अन्य कर्मचारी नरेंद्र मलिक ने कहा कि हम हताश होकर काम नहीं कर सकतेहमारे साथ सफाई कर्मचारी और उद्यान विभाग के कर्मी आ गए हैं। पार्षद ने माफी नहीं मांगी और हड़ताल हुई तो इसके जिम्मेदार केवल पार्षद होंगे।