सहारा मीडिया के हेड रहे रामवीर सिंह, अमिताभ चक्रवर्ती, एमएल शर्मा, संजीव और टीबी श्रीवास्तव ने अपनाया आंदोलन का रास्ता
नोएडा सहारा मीडिया में एचआर हेड रहे रामवीर सिंह की अगुआई में कई अधिकारियों ने भी सहारा प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ये अधिकारी सहारा से हिसाब के लिए नोएडा आरएलसी ऑफिस पहुंचे और हिसाब की गुहार लगाई। इन अधिकारियों में सहारा मीडिया में एचआर हेड रहे रामवीर सिंह, अमिताभ चक्रवर्ती, एमएल शर्मा, संजीव कुमार के साथ ही टीबी श्रीवास्तव भी मौजूद थे। इन अधिकारियों के साथ सम्पादकीय विभाग के सीपी मिश्रा और सहारा टीवी के सचिन भी देखे गए। दिलचस्प बात यह है कि इन अधिकारियों 2015-16 में सहारा मीडिया में एक बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ा था। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर कार जब प्रबंधन से जुड़े अधिकारी भी अपना हिसाब लेने के लिए आंदोलन का रास्ता अखित्यार कर रहे हैं तो फिर कर्मचारियों का क्या हाल होगा ? सहारा निवेशक अलग से आंदोलन कर रहे हैं।
दरअसल सहारा निवेशकों ने तो अब आंदोलन शुरू किया है। सहारा मीडिया में तो 2015-16 में ही आंदोलन शुरू कर दिया था। उस आंदोलन में न केवल नोएडा बल्कि लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, देहरादून, पटना और कानपुर यूनिट भी ठप्प कर दी गई थी। बताया जाता है कि दूसरे नंबर के निदेशक माने जाने वाले ओपी श्रीवास्तव ने ततकालीन यूपी के मुख्य सचिव को फोन कर बताया कि नोएडा के ऑफिस को असामाजिक तत्वों ने कब्ज़ा लिया है। उस समय नोएडा परिसर के चारों ओर पीएसी के ट्रक और पुलिस फ़ोर्स लगा दी गई थी। सुबह 9 बजे ही गौतमबुद्ध नगर की पूरी पुलिस नोएडा परिसर में पहुंची और आंदोलनकारियों को हड़काने की मुद्रा में सवाल किया। उस समय बृजपाल चौधरी और चरण सिंह ने कहा कि यह पुलिस किसने बुलाई है। अब तक घर की बात घर में ही थी अब आप लोगों ने मामला बाहर कर दिया है। फिर बड़ा आंदोलन हुआ पर तत्कालीन सीईओ राजेश कुमार ने बृजपाल चौधरी को सेट कर सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय के एक पत्र पर आंदोलन को तुड़वा दिया। उसके बाद एक आंदोलन गीता रावत और शशि राय और एक मोहित श्रीवास्तव और गीता रावत की अगुआई में हुआ। इस आंदोलन में मुकुल राजवंशी, उत्पल कौशिक, गीता रावत और मोहित श्रीवास्तव के साथ ही 24 कर्मचारियों की नौकरी गई थी।