अलका लाम्बा ने ऐसे ही नहीं दिया सातों सीटों पर चुनाव लड़ने का बयान
चरण सिंह राजपूत
अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने भले ही दिल्ली के साथ ही पंजाब पर भी कब्ज़ा कर लिया हो, भले ही अरविन्द केजरीवाल, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की तिकड़ी ने योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, कुमार विश्वास, साजिया इल्मी, आसुतोष, आनंद कुमार जैसे दिग्गजों को पार्टी छोड़ने को मजबूर किया हो पर आज की तारीख केजीरवाल की सारी सियासत निकाली जा रही है। दिल्ली में जहां बीजेपी आम आदमी पार्टी को निशाना बनाये हुए है वहीं विपक्ष के गठबंधन इंडिया में शामिल होने के बावजूद आप कांग्रेस के टारगेट पर है।
बुधवार को दिल्ली के नेताओं के साथ हुई कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी मीटिंग के बाद जिस तरह से अलका लाम्बा ने दिल्ली के सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करने का बयान दिया उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। भले ही कांग्रेस ने वह अलका लाम्बा का निजी बयान बता दिया हो पर कांग्रेस में दिल्ली लोकसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात चल रही है। भले ही आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने अलका लाम्बा पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई करने की मांग की हो पर कांग्रेस अलका लांबा पर कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है।
उधर कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया ने स्पष्ट कर दिया है कि शीला दीक्षित के बाद दिल्ली में कोई काम नहीं हुआ है। दिल्ली के मुद्दों पर आप का विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए आप से गठबंधन करना या न करने का निर्णय लेने का काम राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का है पर वे लोग जन समस्याओं को लेकर आंदोलन करेंगे।
ज्ञात हो कि गत दिनों जब बीजेपी ने अरविन्द केजरीवाल के सीएम आवास पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाया तो कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने अरविन्द केजरीवाल के शीशमहल पर 171 करोड़ की फिजूलखर्ची का आरोप लगा दिया। इतना ही नहीं एलजी वीके सक्सेना को कार्रवाई के लिए पत्र भी लिख दिया।
ऐसे में प्रश्न उठता हुई कि क्या दिल्ली के स्थानीय नेता केजरीवाल के साथ दिल्ली में गठबंधन के खिलाफ हैं ? वैसे भी केजरीवाल 20 अगस्त को मध्य प्रदेश के रीवा में रैली करने जा रहे हैं। वहाँ पर वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को लपेटेंगे।