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बुधवार को एक होटल में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के समय चुनावी सभाओं में बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने सरकार आने के एक माह के बाद किसानों के कर्ज माफी की बात चुनावी मंच से कही थी, लेकिन प्रचंड बहुमत से बनी सरकार ने तीन माह बाद भी इस ओर कोई कदम नहीं उठाया। केन्द्र सरकार के वित्तमंत्री ने तो एक कदम आगे बढते हुए किसानों के ऋण माफी के मामले को राज्यों के पाले में डाल दिया है, उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली द्वारा किसानों के ऋण माफी के सम्बन्ध में दिए गये ब्यान की निंदा करती है। ऐसे समय में जब राज्य 7वें पे- कमीशन की सिफारिशों के बाद पहले से ही दवाब में है और फिर केन्द्र द्वारा राज्यों पर किसानों के ऋण के मामले को डालना सरासर किसानों को अधर में लटकाने के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने किसानों के मामले को लेकर सरकार को अक्टुबर तक का समय दिया है उसके बाद हरिश रावत पैदल पदयात्रा पर होगें। उन्होने कहा कि कांग्रेस खुद पहल करेगी और इस वादा खिलाफी के खिलाफ सड़को पर होगी। हरीश रावत ने कहा कि उन्होनें तय किया है कि पहली यात्रा लक्सर से देहरादून तक होगी जबकि दूसरी यात्रा कुमांउ में की जायेगी।