[bs-embed url=”https://youtu.be/IqWNAZCvMKw”]https://youtu.be/IqWNAZCvMKw[/bs-embed]
श्रावण चैत्र का महीना लगभग सभी धर्म समुदाय के लिए त्योहरों का महीना है। सिंधी समाज के लिए यह महीना और भी मायने रखता है। इन दिनों दिल्ली में जगह-जगह चालीहा महोत्सव की धूम है महिलाएँ भी तीजड़ी की तैयारियों जुटी है। नार्थ दिल्ली के शालीमार बाग़ में सिंधी समाज के लोगों की संख्या भी कम नहीं है। इस बार यहाँ की महिलाएँ तीजड़ी की तैयारी एक साथ मिलकर कर रही है। यहाँ बड़ी संख्या में सिंधी समाज की महिलाओं ने सामूहिक रूप से मेहंदी लगवाई। इतने समारोह पूर्व मेहंदी लगवाने के पीछे मकसद भी है, ये महिलाएं अपने बच्चों को अपने रीति-रिवाज और सांस्कृतिक विरासत से रू-ब-रू करवाना चाहती है। गीत और संगीत का आयोजन चलता रहा बेशक यह आयोजन बहुत भव्य न हो, लेकिन इनकी भावनाएं बेहद अच्छी थी । तीजड़ी हिन्दू समाज के करवा चौथ के रीति-रिवाज और मकसद से मिलता जुलता है। फर्क है तो बस नाम और दिन का। स्थानीय जनप्रतिनिधि और इलाके के प्रमुख लोग भी इनके बीच पहुंचे। इस तरह एक साथ तीजड़ी की तैयारी कर ये शालीमार बाग़ सिंधी समाज को तो एक साथ जोड़ ही रही है साथ ही सभी के साथ भाईचारे की भावना को भी बल दे रही है।