-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली के मंडी हाउस स्थिति कमानी ऑडिटोरियम में ‘आस एक्सीलेंस अवार्ड ‘ समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें देश भर की अपने -अपने क्षेत्र में बुलंदियों को छूने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। फिल्म से लेकर फैशन जगत की महिलाओं को तो सम्मानित किया ही गया साथ ही खेल,एडवेंचर, टेलीविज़न, कृषि, में मुकाम हासिल करने वाली महिला हस्तियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवार्ड का आयोजन सर्वाइकल कैंसर और भारत सरकार की योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी मुहीम को आगे बढ़ाने वाली गैर सरकारी संस्था ‘ आस ‘ की ओर से आयोजित किया गया था। जिसकी थींम है की बेटियों को बचाने और पढ़ाने के साथ ही बेटों को भी महिलाओं के साथ व्यवहार के बारे में जागरुक किया जाए तभी महिलाओं को समाज में बराबरी, हक़ और सम्मान मिल सकता है। इसके लिए बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ के साथ बेटों को समझाओ स्लोगन जोड़े जाने की आवश्यकता है। इस मौके पर राजीनीतिक हस्तियों के साथ फिल्म और टेलीविज़न जगत की जानी मानी हस्तियों ने भी शिरकत की। जिसमें ख़ास रहा जानी मानी गायिका उषा उत्थुप का धामेकदार रॉकिंग पेरफॉर्मेंस। उषा की दमदार आवाज ने वहाँ मौजूद लोगों को भो झूमने पर मजबूर कर दिया। साथ ही थ्रिएटर ‘अस्मिता ‘ ने महिलाओं से जुड़े मुद्दे को नुक्कड़ नाटक के जरिये स्टेज पर उकेरा तो लोगों ने इसकी भरपूर सरहाना की। ‘अस्मिता’ थ्रिएटर के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के जरिये उन समस्याओं को भी सामने रखा जिनका आज महिलाएं रोज सामना करना पड़ता है। ये समस्याएं भी समाज की कमजोरी का प्रमाण है। इस समारोह में खेल मंत्री विजय गोयल के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं को समान्नित किया , खेल मंत्री विजय गोयल ने अपने सम्बोधन में ‘आस’ एनजीओ के प्रयास की सराहना की और कहा की महिलाओं की हौसलाअफजाई के लिए इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन की आवश्यकता है । पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और मौजूद केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने आस की प्रसिडेंट वर्षा गोयल , संयोजक वीरेंद्र गोयल की टीम की जमकर तारीफ की ।विजय गोयल ने भी माना की दिल्ली और एनसीआर में महिलाओं पर हो रहे अपराधों पर उन्होंने भी मना की आज बेटों को भी समझने की जरूरत है। इस मौके पर कमानी ऑडिटोरियम में कॉर्पोरेट, केंद्र सरकार के नुमाइंदे से लेकर सरकारी बैंक कर्मी और ग्लैमर जगत की मशहूर हस्तियां और समाज के गणमान्य लोग मौजूद थे। ‘आस’ एनजीओ के इस प्रयास से बड़ी संख्या में महिलायें जुड़ चुकी है। साथ ही समाज में जन चेतना और जागरूकता लाकर हर क्षेत्र में महिलाओं को पहचान दिलाना है।