दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेन्टर में ऐक्शन कमिटी ऑफ़ अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स का एनुअल कांफ्रेंस आयोजित किया गया जहाँ देश भर के प्राइवेट स्कूलों के पाँच सौ से ज्यादा प्रतिनिधी मौजूद रहे। चार सत्रों में चले इस कॉन्फ्रेंस में प्राइवेट स्कूलों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई और एकजुट होकर शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने का संकल्प भी लिया गया। बड़े प्राइवेट स्कूलों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने एक एक कर के अपनी बात रखी।
ऐक्शन कमिटी एक मंच है प्राइवेट स्कूलों के लिये जिसके माध्यम से वो अपने मुद्दे और समस्याओं को सरकार तक पहुँचाते रहे हैं।
दिल्ली दर्पण टीवी ने बात की ऐक्शन कमिटी के उपाध्यक्ष आर सी जैन से जिन्होंने इस एनुअल कांफ्रेंस के बारे में विस्तार से बताया।
प्राइवेट स्कूलों की मांग है की राज्य सरकारों की तरफ से उन्हें पूरी स्वायत्तता दी जानी चाहिए। दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधि केजरीवाल सरकार के नीतियों से खासे नाखुश दिखे क्योंकि मुद्दा चाहे नर्सरी एडमिशन का हो या ईडब्लूएस कोटा एडमिशन का दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों और केजरीवाल सरकार के नीतियों में लगातार भिड़ंत ही देखने को मिली है। बहरहाल कुछ मामले कोर्ट में भी लंबित हैं। ऐसे में ऎक्शन कमेटी ने मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को एकजुट करने का काम किया है जिसकी वजह से इनकी आवाज़ अब बुलंद होती दिख रही है।
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