नरेला विधानसभा के सिंघोला गाँव की मुख्य सड़क का नाम स्वामी ईशानंद सरस्वती मार्ग रखा गया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में ये प्रस्ताव पास कर इस सड़क का नामकरण कियागया है। इस तरह के कई नामकरण उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने किये है और अधिकतर नामकरण शाहिदों और स्वत्नत्रता सेनानियो के नाम पर किये जा रहे है। स्वामी ईशानंद सरस्वती का जन्म इसी सिंघौला गाँव में हुआ था और देश की आजादी के लिए ये कई बार जेल गए। 1939 में आर्य समाज द्वारा चलाये गए हैदराबाद सत्याग्रह और अंग्रेजो भारत छोडो आंदोलन में ये देश के लिए जेल गए। 1957 में हिंदी आंदोलन और 1967 में गौरक्षा आंदोलन में भी ये जेल गए। बड़ी संख्या में स्कूलों का निर्माण इनके प्रयासों और आंदोलनों से हुआ था। इनके जीवन से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिले इसलिए इनके नाम पर इस सड़क का नामकरण दिल्ली नगर निगम ने किया है । लोगों की मांग पर स्थानीय निगम पार्षद केशरानी खत्री के प्रयासों से ये नामकरण किया गया। इस मौके पर नरेला से पूर्व विधायक नीलदमन खत्री , बाकानेर वार्ड से निगम पार्षद मोहन भारद्वाज , उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्टेडिंग कमेटी चेयरमैन प्रवेश वाही , उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन विजय प्रकाश पांडेय ने नारियल तोड़कर ये नामकरण किया।
ऐसे नामो से कही न कही नई पीढ़ी को स्वतंत्रता सेनानियो का एक परिचय मिलता है क्योकि सड़क का नाम सुनकर उन नाम की जानकारी भी हर कोई लेना चाहेगा जो उन स्वतंत्रता सेनानियो को एक श्रधांजलि होगी।