Friday, April 26, 2024
spot_img
Homeअन्यचुनाव सुधार में व्यावहारिक दिक्कत चिंतनीय - वी.एस.संपत

चुनाव सुधार में व्यावहारिक दिक्कत चिंतनीय – वी.एस.संपत

[bs-embed url=”https://youtu.be/t0IBKiXDCU0″]https://youtu.be/t0IBKiXDCU0[/bs-embed]

देशभर में चुनाव सुधार और लोकतंत्र के विकास की दिशा में काम कर रहे भारतीय मतदाता संगठन ने 10 मई 2017 को दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेंटर में “विचार गोष्ठी” का आयोजन किया….constitution क्लब में आयोजित इस चर्चा में देश के जाने-माने मीडिया संस्थान के प्रमुख संपादक और पत्रकारों के साथ साथ भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त वीएस संपत मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे –चर्चा की शुरुआत संगठन के प्रमुख डॉ. रिखब चंद जैन ने की….उन्होंने कहा कि विवादित विषयों के पीछे प्रत्येक रूलिंग पार्टी की सरकार पिछले कई सालों से लगी हुयी है….फिर चुनाव आयोग और विधि आयोग में सुधार और चुनाव सुधार के लिए फौरी तौर पर कानून क्यूँ नही बन रहा है. इसके साथ ही रिखब चंद जी ने आवश्यकता होने पर इस विषय पर पार्लियामेंट का एक स्पेशल सेशन बुलाने और इसमें बदलाव के लिए एक प्रस्तावित बिल प्रस्तुत करने की भी बात कही…देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने चुनाव सुधार और लोकतान्त्रिक विकास के आड़े आ रही व्यवहारिक दिक्कतों पर चिंता व्यक्त की . इस गोष्ठी में तमाम जाने-माने लोग मौजूद थे….. 1. वीएस संपत, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त 2. डॉ. रिखब चंद जैन, अध्यक्ष, भारतीय मतदाता संगठन ३. रमाकांत गोस्वामी 4. परेश नाथ, मुख्य सम्पादक, दिल्ली प्रेस 5. विजय क्रान्ति, सलाहकार सम्पादक, दूरदर्शन 6. डॉ. कपिल कॉल, पूर्व वरिष्ठ सलाहकार, चुनाव आयोग 7. रवि प्रकाश, प्रमुख, यूएनआई 8. पुष्प रंजन, लेखक ९. विपिन गुप्ता, सम्पादक, नेशनल एक्सप्रेस 10. राजीव रंजन श्रीवास्तव, देश बन्धु 11. विनय कुमार, महासचिव, प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया 12. अमलेंदु उपाध्याय 13. संजय कपूर, हार्ड न्यूज़ 14. प्रमोद सैनी, महासचिव, दिल्ली पत्रकार संघ 15. राजेन्द्र स्वामी, सचिव, भारतीय मतदाता संगठन 16. विमल वधावन योगाचार्य, महासचिव, भारतीय मतदाता संगठन इन सभी ने जिस तरह से अपनी बात राखी उससे साफ़ था की ये विषय की गंभीरता को गहराई से समझते है —सभी इस बात से सहमत थे कि देश की सवा करोड़ आबादी के साथ साथ सभी राजनैतिक पार्टियां भी चुनाव आयोग और विधि आयोग द्वारा सुझाये गए सुधारों से सहमत है लेकिन राजनैतिक पार्टियों की कथनी और करनी में फर्क है –उनके निजी स्वार्थ इन सुधारों के आड़े आ रहे है –सुधारों की संभावना केवल जनजागरूकता से ही सभव है देश भर में डॉ रिखब चाँद जैन की अगुवाई में काम कर रहा गैर राजनैतिक संगठन भारतीय मतदाता चुनाव सुधार और मतदातों को जागरूक करने की दिशा में काम का रहा है…मतदाता संगठन प्रमुख डॉ रिखब चाँद जैन अपने लेखों और संबोधनों के जरिये सरकार और सरकारी एजेंसियों तक मतदाताओं के मन की बात पहुचाते रहे हैं….चुनाव प्रचार में सुधार और लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए देश भर में राउंड टेबल कांफेरेंसस के बाद अब ये संगठन तमाम राजनीतिक दलों के प्रवक्ताओं को एक मंच पर लाने की तैय्यारी में है.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments