Sunday, December 29, 2024
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रक्षा बंधन में भाई की कलाई सुनी ?

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जहां एक ओर 7 अगस्त को पूरा देश बहन भाई के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन को बनाने में मशगूल होगा वही दूसरी तरफ गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके का एक गांव सुराना ऐसा भी हैं जहां रहने वाले सभी भाइयों की कलाइयां सूनी रहेंगी।ये सूनी कलाई सालो से सूनी ही है। गाजियाबाद से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर मुरादनगर इलाके का ये है सुराना गाव…इस गाँव के रहने वाले बाशिंदे कई सौ सालों से राखी का त्योहार नही मनाते यहाँ रहने वाले भाइयो की सूनी रहती हैं कलाइयाँ, क्या है इसके पीछे का कारण हकीकत यही जानने के लिए हम पहुंचे सुराना गाव, जब हमने गाव में मजूद लोगो से इस पवित्र त्योहार को ना मनाने का कारण पूछा तो उन्होंने इसके पीछे की हकीकत कैमरे के सामने कुछ इस कदर बयान की,यहां के रहने वाले बुजुर्ग ने हमे बताया कि  12वी सदी में मोहमद गौरी ने कई बार इस गाँव पर आक्रमण किया मगर जैसे ही मोहम्मद की सेना गाव में आती तो वो अंधी हो जाती थी,इसके पीछे वजह थी गांव के अंदर ही एक देव रहते थे जोकि गाव की रक्षा किया करते थे।मगर गाव के ही एक व्यक्ति ने विश्वाशघात किया और मोहम्मद गोरी को बताया कि जब तक ये देव गाव में हैं आप गाव का कुछ भी नहीं कर पाएंगे।जिस दिन देव् इस गाँव मे नही होंगे उस दिन हमला करने से गांव पर विजय पाई जा सकती है।और जब एक दिन पूर्णिमा वाले दिन गंगा स्नान को देव् गांव से बाहर गए हुए थे तो खबरी ने मोहम्मद को खबर कर दी।मोहम्मद ने गांव पर हमला बोल दिया और पूरे गांव को हाथी के पैरों तले बड़ी ही बेहरहमी से कुचलवा दिया।पूरा गांव तहस नहस कर दिया।उस दौरान गाव की सिर्फ एक महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे ही बच पाए थे ,वो भी इसलिये क्यूंकी महिला उस समय गाव में नही थी। जिस दिन मोहम्मद ने हमला कर पूरे गांव को तहस नहस किया था वो दिन रक्षा बंधन का दिन था ।तभी से इस गाँव मे रक्षा बंधन  का त्योहार नही मनाया जाता।इतना ही नही अगर इस गाँव का रहने वाला कोई भी व्यक्ति रक्षाबंधन का त्योहार बनाने की कोशिश करता है तो उसके साथ कुछ ना कुछ अनहोनी हो जाती है।तब से अब तक इस गाँव मे कोई भी व्यक्ति रक्षाबंधन नही मनाता।ओर इस पवित्र रिश्ते वाले दिन इस गाँव के भाइयो की कलाई सूनी ही रहती है। हालांकि गाव में कुछ लोगो का कहने यह भी है कि रक्षाबंधन के दिन यहां अंग्रेजो ने पूरे गांव को हाथियों के पैरों तले रौंदवा दिया था ।तो गाव के बुजुर्ग मोहम्मद गौरी के द्वारा हमला कर गाव को तहस नहस कर दिया था।कारण बेशक अलग बताए जा रहे हो मगर ये सच्चाई है कि इस गांव में रहने वाले किसी भी बाशिंदे की कलाई पर रक्षाबंधन का पवित्र धागा नही मिलता।

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