आम आदमी पार्टी की दिल्ली में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद माना जा रहा था कि पार्टी देशभर में तेजी से बढ़ेगी, लेकिन चंद दिनों बाद संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ सीएम केजरीवाल के झगड़े के कारण पार्टी निरंतर विवादों में घिरती गई। इसके अलावा 2017 में आप सरकार के कई ऐसे विवाद भी रहे जिसने पार्टी की नींव को पूरी तरह से हिला कर रख देने का काम किया। तो ऐसे में आइए जानते है आप सरकार से जुड़े 2017 के कई विवाद-
CNG किट घोटाला
अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार पर कपिल मिश्रा ने बड़ा खुलासा करते हुए यह आरोप लगाया कि 10 हजार गाड़ियों में नकली CNG किट लगी है। ऐसी गाड़ियों में कभी भी दुर्घटना हो सकती है। साथ ही कपिल मिश्रा ने कहा कि चीन के माल को कनाडा का माल बता कर बेचा जा रहा है।उन्होंने कहा कि सत्येंद्र ने केंद्र सरकार को धमकी दी है कि अगर वो पार्टी से बाहर होंगे तो, सरकार गवाह बन जाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली कैबिनेट के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा की शिकायत पर एसीबी ने दिल्ली में तीन गोदामों में छापेमारी की थी। इन गोदामों में दवा कंपनियों ने दवाइयां रखी थीं। दरअसल, कपिल मिश्रा ने दिल्ली सरकार की ओर से 300 करोड़ रुपये की एक्सपायरी दवाएं खरीदने और घोटाले का भी आरोप लगाया था।
PWD ने AAP दफ्तर पर लगाया 27 लाख का जुर्माना
आम आदमी पार्टी के ऑफिस पर 27 लाख 73 हजार का जुर्माना लगाया गया था। यह जुर्माना दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने ही पार्टी ऑफिस न खाली करने की वजह से लगाया गया । दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अप्रैल में आम आदमी पार्टी के ऑफिस का आवंटन बतौर पार्टी ऑफिस रद्द कर दिया था और ऑफिस को जल्द खाली करने का निर्देश दिया था।
केजरीवाल के खिलाफ कपिल मिश्रा ने लोकायुक्त को सौपें 16 हजार पन्नों के सबूत
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने आप नेता सत्येंद्र जैन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के सबूत लोकायुक्त को सौंपे। बता दें कि मंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही मिश्रा ने केजरीवाल और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और उसकी शिकायत लोकायुक्त दफ्तर में की थी और मई के आखिरी हफ्ते में बकायदा लोकायुक्त में बयान भी दर्ज करवाए थे। मिश्रा के मुताबिक उन्होंने 16 हज़ार पन्नों का सबूत तैयार किया, जिसमें सत्येंद्र जैन और केजरीवाल के भ्रष्टाचार से जुड़े कई कागजात है।
लाभ के पद मामले में HC पहुंचे AAP के 12 विधायक
दिल्ली उच्च न्यायालय ने लाभ का पद कथित रूप से संभालने के मामले में सुनवाई जारी रखने के निर्वाचन आयोग के निर्णय के खिलाफ 12 आप विधायकों की याचिका पर आयोग से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति इंद्रमीत कौर ने आयोग को नोटिस जारी किया और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की याचिकाओं पर उसका जवाब मांगा। इन याचिकाओं में दावा किया कि उच्च न्यायालय ने जब यह आदेश दे दिया है कि उनकी नियुक्तियां असंवैधानिक हैं और उसने उन्हें दरकिनार कर दिया है, तो इस बात की कोई आवश्यकता नहीं है कि आयोग मामले की सुनवाई जारी रखे।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के 21 विधायकों के खिलाफ लाभ के पद को लेकर प्रशांत पटेल नाम के एक व्यक्ति ने याचिका दायर की थी। इसके बाद जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए राजौरी गार्डन के विधायक के रूप में इस्तीफा देने के साथ उनके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई थी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के घर पहुंची CBI
सीबीआई दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के घर पहुंची। सीबीआई ने सत्येंद्र जैन की पत्नी से मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ भी की।जिस पर आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई के जरिए परेशान करने की कोशिश कर रही है। ऐसा करके आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही आप ने ट्वीट के जरिए भी छापेमारी पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी। साथ ही आम आदमी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस करसत्येंद्र जैन के घर हुई रेड को लेकर सीबीआई के साथ- साथ सरकार पर निशाना साधा।
अमानतुल्लाह खान की वापसी बनी से कुमार हुए नाराज
आप ने अपनी राष्ट्रीय परिषद की वार्षिक बैठक से करीब तीन दिन पहले ही ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान का निलंबन वापस लेकर आने के बाद कुमार विश्वास से नाराजगी मोड़ ली है। जिसके चलते पार्टी की अलग – थलग होने की संभावना हो चुकी थी। इसके साथ ही अमानतुल्ला ने कुमार विश्वास पर ‘आप’ को तोड़ने का आरोप लगाते हुए उन्हें ‘भाजपा का एजेंट’ बताया था।
दिल्ली विधानसभा में जब उड़ाने लगे कागज
दिल्ली सरकार द्वारा बुलाए विधानसभा के विशेष सत्र में उस समय हंगामा शुरू हो गया। जब सदन की कार्रवाही देख रहे दो लोगों ने सदस्यों पर कागज फेंकने शुरू कर दिए। इसके बाद सरकार के विधायकों ने कथित तौर पर उन युवकों को पकड़कर उनकी पिटाई कर डाली। सूचना के मुताबिक पगड़ी पहने दो लोग सदन की में बैठे हुए थे। अचानक से उन्होंने सदन के अंदर कागज उड़ाए और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए। सदन की कार्रवाई में रुकावट पैदा होने पर सुरक्षाकर्मी ने दोनों लोगों को बाहर कर दिया। इस पर आप के विधायकों ने सदन की शांति भंग करने को लेकर दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
MCD चुनाव में ठीकरा EVM पर फोड़ने को लेकर दो गुटों में बंटी आप
दिल्ली नगर निगम चुनावों में आप की जबरदस्त हार के बाद जीमा ईवीएम पर फोड़ने को लेकर पार्टी साफ तौर पर दो गुटों में बंटती हुई दिखाई दी। आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि मौजूदा हालात को देखकर लगता है कि दिल्ली में ‘ईवीएम लहर’ चल रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि निगम चुनाव में भाजपा को वोट मिलने का कोई कारण नजर नहीं आता है। इस मुद्दे पर कोई भी हमारा मजाक बना सकता है लेकिन मजाक से डरते हुए हम सच बोलने से खुद को पीछे नहीं रख सकते है।
सहमति के चलते लागू नहीं हुआ ऑड-ईवन फॉर्मूला
एनजीटी ऑड-ईवन में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरफ़ से दी जाने वाली छूटों से बिलकुल भी सहमत नहीं थी। एनजीटी दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन के फ़ैसले से सहमत थी, लेकिन बाइक और महिलाओं को दी जाने वाली छूटों पर उसने अपनी अपात्ति जताई थी।
दरअसल आप सरकार ने आपातकालीन बैठक बुलाई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया था। ऑड-ईवन से वीआईपी, महिलाओं और बाइक को अलग रखने को लेकर भी एनजीटी सहमत नहीं थी. इसके साथ ही इसे लागू करने में देरी को लेकर भी एनजीटी ख़फ़ा थी। जिसके चलते इस बार वायु प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा होने के बावजूद भी ऑड-ईवन लागू नहीं किया गया।
जब मनीष सिसोदिया के घर पहुंची CBI की टीम
साल 2017 में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई कुछ पूछताछ करने पहुंची है। जिसको लेकर कहा ये जा रहा था कि CBI टॉक टू एके मामले को लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं CBI के पहुंचने के बाद आप नेताओं ने इसे छापेमारी बताया है। इस मामले में हम आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने LG को शिकायत की थी, बिना किसी सही टेंडर प्रक्रिया किए दिल्ली सरकार ने टॉक टू एके प्रोगाम का प्रमोशन एक विशेष कंपनी को दिया था। जिसके बाद LG द्वारा इसे सीबीआई को सौप दिया गया।