उस लड़की ने लक्ष्मी के चेहरे पर हाथ रखा तेज धक्का मारा और गिलास से तेजाब उसके फेस पर फेंक दिया। तेजाब इतना तेज था कि उसकी जलन से लक्ष्मी बेहोश हो कर जमीन पर गिर पड़ी। लक्ष्मी को पता ही नहीं था कि उसके साथ क्या हुआ है। थोड़ी देर बाद लक्ष्मी को होश आया तो उसने महसूस किया जैसे उसके बदन पर आग के शोलों पर रख दिया हो। और आग पूरे शरीर को जला रही हो। लक्ष्मी देर तक चीखती रही सड़क पर तड़पती रही वो तीन बार फुटपात से सड़क पर गिरी और तीनों बार कार से उसका ऐक्सीडेंट हो गया। और लोग तमाशगीन बन कर उसके मरने का इंतजार करने लगे।
तभी एक शख्स ने कोक की बोतल में पानी लाकर उसके ऊपर डालकर लक्ष्मी की मदद करने की कोशिश की और पुलिस को काल किया। पुलिस आई लक्ष्मी हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया। लक्ष्मी ने बताया कि वो सरकारी अस्पताल में जिंदगी के उस फेस से गुजर रहीं थीं जिसकी कल्पना करने से रूह कांप उठती है। जब लक्ष्मी ने अपने पापा को देखा तो उनके गले लग गई। ऐसिड कितना तेज और खतरनाक था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लक्ष्मी के पापा की शर्ट भी उस एसिड से जल गई थी।
जैसे ही ये खबर लोगों ने सुनी सभी की रूह कांप उठी थी। लक्ष्मी हॉस्पीटल से घर आई तो घर के सभी आईने उतार दिए गए कि कहीं लक्ष्मी अपना चेहरा देखकर परेशान ना हो लेकिन लक्ष्मी ने फिर भी कहीं से अपना चेहरा देखा तो उसको अंदाजा हुआ कि वो चेहरा जिसे वो रोज आइने में देख कर उसको संवारती थी आज उसको देख कर खुद को ही डर लग रहा था। लक्ष्मी ने एक बार तो सोचा कि आत्म हत्या कर ले लेकिन लक्ष्मी ने इस जिंदगी को जीने का फैसला किया। पापा ने लक्ष्मी से एक दिन कहा कि एक दिन तुम इसी चेहरे से प्यार करोगी।