मैक्स का शालीमार बाग ब्रांच अस्पताल एक बार फिर आरोपों के घेरे में हैं। इस बार अस्पताल पर गलत बिलिंग का आरोप लगा है। अस्पताल में 7 दिन इलाज के लिए भर्ती रहे राजकुमार बंसल और उनके बेटे दीपक बंसल का आरोप है कि 7 दिन में इलाज तो हुआ नहीं, उल्टे अस्पताल ने उल्टे पुल्टे बिल जोड़ दिए।
दीपक बंसल बताते हैं कि बीते शनिवार को जब वे अपने पिता राजकुमार बंसल के लिए डिस्चार्ज के लिए पेमेंट करने पहुंचे तो बिल देखकर दीपक बंसल के पैरो तले मनो जमीन ही खिसक गयी, जब उन्होंने अपने पिता के 7 दिन चले हॉस्पिटल के इलाज का बिल देखा और उसमें पचास हज़ार रूपये अधिक पाए। हॉस्पिटल से जब उन्होंने डिस्चार्ज समरी मांगी तो उसमे उन्होंने बताया की डॉ पंकज अनेजा की हॉस्पिटल में विजिट दिन में दो बार दिखा रखी थी जबकि दीपक के अनुसार वो केवल एक ही बार हॉसपिटल में आये थे । हालांकि अस्पताल ने आरोपों से साफ़ तौर पर इंकार किया है।
दीपक बंसल ने ये भी बताया की डॉ पंकज अनेजा का खुद का प्राइवेट क्लिनिक भी है और वो ज्यादा समय वहीं पर बिताते हैं… दीपक ने हॉस्पिटल पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा की कोई डॉक्टर भगवान् कैसे हो सकता है की वो एक ही समय में 2 जगह उपस्तिथ रहे… इसके साथ दीपक ने हॉस्पिटल से जब cctv फुटेज मांगी तो हॉस्पिटल ने फुटेज भी उपलब्ध नहीं करवाई और सेटलमेंट की बात करने लगे।
मैक्स हॉस्पिटल की इस तरह की लापरवाही कोई पहली बार नहीं है, बीते वर्ष एक नवजात को लेकर अस्पताल की लापरवाही की वजह से दिल्ली सरकार ने इसका लाइसेंस तक कैंसल कर दिया था।वहीं हॉस्पिटल में 7 दिन एडमिट रहे राजकुमार बंसल ने बताया की 3 दिनों तक तो हॉस्पिटल उनको एडमिट करके सिर्फ टेस्ट ही करता रहा और लास्ट में हर्निया बताकर उनको डिस्चार्ज कर दिया, मेडिकल इन्शुरन्स कंपनी रेलिगेयर ने पहले उनका क्लेम एप्रूव्ड कर दिया था लेकिन बाद में हर्निया का इलाज का हवाला देकर अप्प्रूवाल कैंसिल कर दिया गया।
मैक्स शालीमार बाग अस्पताल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मरीज राजकुमार बीते 12 जुलाई को पेट में इंफेक्शन की शिकायत पर भर्ती हुए थे। डायबटीज और मेटाबोलिक डिजीज के प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉक्टर दीपक अनेजा इनका इलाज कर रहे थे। 20 जुलाई को मरीज को छुट्टी के लिए फिट घोषित कर दिया गया। मरीज ने दो बार इंश्योरेंस क्लेम के लिए अप्लाई किया जो रिजेक्ट हो गया।
इसके बाद मरीज ने बिल में छूट मांगी, अस्पताल जब तक इस पर कोई जवाब देता, इससे पहले ही मरीज के परिजन डॉक्टर से झगड़ने लगे और एक लाख 34 हजार रुपए का बिल दिए बिना ही चले गए। डॉक्टर के गलत राउंड काउंट करने के सवाल पर मैक्स का कहना है कि डॉक्टर अनेजा के टीम के डॉक्टर ने विजिट किया था, इसलिए सीनियर डॉक्टर के नाम पर बिल बनाया गया।