मेडिकल के यूजी कोर्सेस (MBBS / BDS) में एडमिशन के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) के लिए जरूरी नोटिस जारी किया गया है। परीक्षा कराने वाली एजेंसी एनटीए (NTA) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट nta.ac.in पर यह नोटिस जारी कर सहुलियत दी है, ताकि परीक्षार्थी पहले से ही एग्जाम सेंटर के शहर के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। यह सुविधा पहली बार एनटीए नीट के अभ्यर्थियों को दे रहा है। हर बार परीक्षा केंद्र किस शहर में होगा, इसकी जानकारी एडमिट कार्ड में दी जाती थी। लेकिन इस बार अभ्यर्थियों को पहले ही इसकी जानकारी मिल जाएगी।
एनटीए के अनुसार, मौजूदा हालात को देखते हुए एडमिट कार्ड से पहले ही एनटीए व नीट की आधिकारिक वेबसाइट्स पर अभ्यर्थियों को उनके एक्जाम सेंटर के शहर की जानकारी दी जा रही है। ताकि अंतिम मौके पर उन्हें एक जगह से दूसरी जगह जाने में किसी तरह की परेशानी न हो। अगर परीक्षा का शहर उनके वर्तमान शहर से अलग होता है, तो वे अभी से उसकी तैयारी कर सकें।
इसके साथ ही एनटीए ने यह भी बताया है कि नीट 2020 के लिए जल्द ही अलग से एडमिट कार्ड जारी किए जाएंगे। एडमिट कार्ड में अभ्यर्थियों के रोल नंबर, टेस्ट सेंटर नंबर व पता, प्रश्न पत्र का माध्यम (भाषा), रिपोर्टिंग व एंट्री टाइम, परीक्षा केंद्र का गेट बंद होने के समय की जानकारी रहेगी।
एनटीए द्वारा नीट 2020 का आयोजन 13 सितंबर 2020 को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। नीट 2020 के संबंध में किसी तरह की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप सीधे एनटीए से नीचे दी गई ईमेल आईडी या नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं –
ईमेल आईडी – neet@nta.ac.in
कॉन्टैक्ट नंबर्स – 8287471852, 8178359845, 9650173668, 9599676953, 8882356803
सोशल मीडिया पर सत्याग्रह
कोरोना काल में नीट, जेईई समेत अन्य प्रवेश परीक्षाएं कराने को लेकर छात्रों ने 23 अगस्त को सत्याग्रह का प्रदर्शन कर विरोध जताया। उल्लेखनीय है कि नीट, जेईई समेत तमाम एंट्रेंस सितंबर में होने वाले हैं। इसका विरोध करने वालों में अभ्यर्थियों के अतिरिक्त उनके माता—पिता भी शामिल हुए। सुबह 8 बजे से स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स एक दिन की भूख हड़ताल का प्रदर्शन किया। साथ ही सोशल मीडिया में भी अपनी आवाज उठाई।
इससे पहले भी 21 अगस्त को देशभर से स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार से सभी एंट्रेंस और फाइनल ईयर के एग्जाम पोस्टपोन करने की मांग की। स्टूडेंट्स ने कहा कि इस वक्त देश में हर दिन कोरोना के 70 हजार केस सामने आ रहे हैं, कई मौतें हो रही हैं। स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि एग्जाम सेंटर्स भी घरों से अभी दूर हैं और सेंटर में लाखों स्टूडेंट्स का एग्जाम देना बहुत खतरनाक है। इस वक्त देशभर में कई जगह बाढ़ की वजह से लोग मुसीबत में हैं। इन हालात में सेंटर तक जाना एक अलग चुनौती है। नीट 13 सितंबर को है और जेईई 1 सितंबर से शुरू हो रहा है। दोनों के लिए 25 लाख के करीब स्टूडेंट्स ने रजिस्टर किया है।
एक तरफ एंट्रेंस एग्जाम का स्ट्रेस तो एक तरफ कोरोना का डर
स्टूडेंट्स का कहना है कि जहां भी इस बीच एंट्रेंस एग्जाम हुए हैं, वहां कई स्टूडेंट्स कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं। स्टूडेंट्स ने यह भी सवाल किया कि अगर किसी स्टूडेंट या पैरंट की मौत इन एग्जाम की वजह से होती है तो क्या सरकार जिम्मा लेगी? उनका कहना है कि वे एग्जाम देने से नहीं डर रहे बल्कि कोविड-19 से डर रहे हैं। स्टूडेंट्स ने क्लैट, नेट, सीबीएसई कंपार्टमेंट एग्जाम समेत डीयू एंट्रेंस, जेएनयू एंट्रेंस, यूनिवर्सिटी के फाइनल ईयर एग्जाम भी अगले महीने रखने का विरोध किया। उन्होंने सरकार और यूजीसी से मांग की कि सभी एग्जाम पोस्टपोन किए जाएं।
इस संबंध में बीजेपी के राज्यसभा सांसद एवं सुप्रीम कोर्ट के वकील सुब्रहमण्यम स्वामी और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भी प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर उन परीक्षााओं को स्थगति करने की मांग की है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ से जेईई और नीट परीक्षा को दिवाली बाद आयोजित करने की मांग की है। इसके अलावा स्वामी ने पीएम मोदी को एक अर्जेंट लेटर भी लिखा है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैंने शिक्षा मंत्री से बात करके सुझाव दिया है कि नीट और अन्य परीक्षाओं को दिवाली के बाद करवाया जाना चाहिए। जब सुप्रीम कोर्ट परीक्षाएं करवाने की तारीख तय करने की जिम्मेदारी सरकार को सौंप चुका है तो इसमें कोई बाधा नहीं है। मैं अभी प्रधानमंत्री को एक अर्जेंट लेटर लिख रहा हूं।’
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी को भेजे लेटर में लिखा कि पूरे देश में अभी नीट, जेईई और अन्य परीक्षाएं आयोजित करवाने के लिए समय ठीक नहीं है। उदाहरण के तौर पर अगर मुंबई को ही देखें तो यहां ट्रांसपोर्ट की कोई सुविधा नहीं है। लोगों को एग्जाम सेंटर तक पहुंचने के लिए 20-30 किमी तक पैदल चलना पड़ेगा। लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि चिराग पासवान ने कहा कि परीक्षा में बैठने वाले बच्चे बेहद गरीब परिवार से भी आते हैं, जिनकी आंखों में कुछ बनने का सपना है। ऐसे में वह सभी बच्चे बिना सरकारी परिवहन सुविधा के परीक्षा केंद्र कैसे जा पाएंगे।